Women Reservation Bill: कल यानी मंगलवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन रहा. जहां एक ओर भारत को नया संसद भवन मिला तो वहीं महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन दूसरी ओर इस बिल को लेकर सियासत तेज हो गई है. बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ ही समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बयान इस सम्बंध में सामने आया है. अखिलेश यादव ने पीडीए महिलाओं को लेकर अपनी बात रखी है. अखिलेश यादव ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा है कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि, इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.
तो वहीं मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने इस बिल का समर्थन किया है और कहा है कि, “मैं महिला हूं और इस बिल का समर्थन करती हूं.” इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि, “मैं चाहती हूं कि अंतिम पंक्ति में जो खड़ी महिला है, उसको भी उसका हक मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले.” इसी के साथ ही मीडिया से बात करते हुए डिंपल यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि, “ये सरकार 9 साल पूरे होने के बाद बिल लेकर आई है, ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले यह बिल लागू नहीं हो पाएगा.” डिंपल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि,” सरकार बस एक परसेप्शन क्रिएट करना चाहती है. सरकार की मंशा ठीक नहीं है.”
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बता दें कि महिला आरक्षण बिल को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी मांग रखी है. उन्होंने कहा है कि, “पुराने संसद भवन की विदाई हो चुकी है जिसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है. मुझे संसद के दोनों सदनों में जाने का मौका मिला जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है. नए संसद की शुरूआत आज से की जा रही है जिसका BSP दिल से स्वागत करती है और आज इस नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया जाएगा जिसके पक्ष में BSP सहित कई पार्टियां अपना मत देंगी.” इसी के साथ मायावती ने ये भी कहा है कि,” BSP ने महिला आरक्षण बिल को हमेशा समर्थन दिया है इसके साथ-साथ यह भी कहा है कि महिलाओं को जो भी आरक्षण दिया जाता है उनमें से SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए.” साथ ही बसपा सुप्रीमो ने ये भी कहा है कि,”अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी. अगर ऐसा नहीं भी हुआ तब भी BSP पार्टी आज पेश होने वाले महिला आरक्षण बिल का समर्थन करेगी. साथ ही मायावती ने ये भी कहा है कि, महिलाओं की संख्या देखते हुए आरक्षण का प्रतिशत 33 नहीं बल्कि 50 होना चाहिए. साथ ही एससी, एसटी/ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए. साथ ही बसपा सुप्रीमो ने इस बिल के पास होने की उम्मीद भी जताई है.
-भारत एक्सप्रेस
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