देश

महिलाओं के लिए कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय महिला आयोग का बड़ा कदम

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय का जोरदार समर्थन किया है, जिसमें कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा, निषेध और निवारण अधिनियम (POSH Act, 2013) के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की बात कही गई है. यह निर्णय कार्यस्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित, गरिमामय और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

NCW ने इस संदर्भ में सभी मुख्य सचिवों और राज्य सरकारों को पत्र लिखकर विभिन्न क्षेत्रों और कार्यस्थलों पर POSH अधिनियम के सख्त क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया है.

महिला सुरक्षा के लिए अहम POSH अधिनियम

POSH अधिनियम ने हमेशा कार्यस्थलों पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए एक आधारशिला की भूमिका निभाई है. सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश इस अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता को दोहराता है, जिससे कार्यस्थल सम्मान, गरिमा और सुरक्षा का स्थान बना रहे.

‘यह अधिनियम ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ लागू हो’

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा, “POSH अधिनियम को ईमानदारी, पारदर्शिता और समर्पण के साथ लागू किया जाना चाहिए. यह आवश्यक है कि हर संगठन सुरक्षा (सुरक्षा), सम्मान (सम्मान), और सशक्तिकरण (सक्षमीकरण) के सिद्धांतों का पालन करे. महिलाओं को केवल सुरक्षित रखना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें उनके पेशेवर परिवेश में प्रगति करने के अवसर भी मिलने चाहिए. यह निर्णय प्रणालीगत बदलाव के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगा, जहां उत्पीड़न अस्वीकार्य होगा और महिलाओं के अधिकार दृढ़ता से संरक्षित होंगे.”

राष्ट्रीय महिला आयोग ने सरकार और निजी क्षेत्र की संस्थाओं से अपील की है कि वे POSH अधिनियम के अनुपालन के लिए तत्काल, निर्णायक और सक्रिय कदम उठाएं. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह केवल कानूनी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए ऐसा कार्यस्थल बनाने की नैतिक जिम्मेदारी भी है, जहां वे सुरक्षित, मूल्यवान और पेशेवर रूप से सशक्त महसूस कर सकें.

महिला सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय महिला आयोग का यह निर्णय हर संगठन के लिए एक प्रेरणा है. यह कार्यस्थलों को सुरक्षित और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है.

यह भी पढ़िए: अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

  • भारत एक्‍सप्रेस
मिताली चंदोला, एडिटर, क्राइम एंड इंवेस्टिगेशन

Recent Posts

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने आयोजित की शिकायत अपीलीय समिति (GAC) की कार्यशाला

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 7 जनवरी 2025 को दिल्ली में शिकायत अपीलीय…

7 mins ago

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री से दुबई में की मुलाकात

इस बैठक में भारत द्वारा अफगानिस्तान को प्रदान की जा रही मानवीय सहायता, द्विपक्षीय मुद्दों…

25 mins ago

भारतीय सेना ने ‘Make In India’ वाहनों को लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में किया शामिल

भारतीय सेना के 'Make In India' पहल के तहत निर्मित वाहनों को लेबनान में तैनात…

57 mins ago

‘‘चीन का Three Gorges Dam पृथ्वी के घूमने की गति कम कर रहा’’, जानें NASA ने ऐसा क्यों कहा

चीन का थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है,…

59 mins ago

तेजस फाइटर विमानों की धीमी आपूर्ति पर वायुसेना प्रमुख की कड़ी टिप्पणी– प्रौद्योगिकी में देरी मतलब प्रौद्योगिकी से वंचित

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने मंगलवार को सरकारी उपक्रम HAL…

1 hour ago

Maharashtra के इन तीनों गांवों में मचा हड़कंप, एक हफ्ते के भीतर लोग हो रहे गंजे, जानें क्यों हो रहा ऐसा

Bald Within A Week: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले का मामला. गांवों का दौरा करने वाली स्वास्थ्य…

2 hours ago