Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में लिखे शब्दों का अर्थ स्पष्ट करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना हमारा काम नहीं है, आप खुद समझिए.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्रस्तावना के शब्दों की व्याख्या करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. यह याचिका शिवम मिश्रा की ओर से दायर की गई थी.
याचिकाकर्ता शिवम मिश्रा ने तर्क दिया था कि प्रस्तावना में कुछ शब्द, जैसे भाईचारा अस्पष्ट है और अपने वर्तमान संदर्भ में उन्हें समझना कठिन है। याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर उन्हें राहत नही दी गई तो उन्हें दुख होगा. जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आपकी दलीलें स्पष्ट नहीं है.
सुनवाई के दौरान जज बोले, “आपने कहा है कि अगर कोई राहत नहीं दी गई तो आप दुखी होंगे.” कोर्ट ने कहा कि इन शर्तों का व्याख्या करना कोर्ट का काम नहीं है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि प्रस्तावना में कई शब्द हैं, जिनकी परिभाषा साफ नहीं हैं. जैसे उन्हें बंधुत्व शब्द का वास्तविक अर्थ समझ में नहीं आता है.
— भारत एक्सप्रेस
इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी है. इसमें…
राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश 'भाईजी' ब्रह्माकुमारीज संस्था के मीडिया प्रभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंदौर…
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ‘महतारी वंदन योजना’ के तहत सनी लियोनी को हर महीने…
winter care for pregnant women: सर्दी में प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी हो…
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को करनी है लेकिन BCCI ने टीम को सुरक्षा…
बाजार का रुख सकारात्मक रहा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,223 शेयर हरे निशान में…