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सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, सीजेआई ने दिलाई पद एवं गोपनीयता की शपथ, SC में न्यायाधीशों की संख्या हुई 34

सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जजों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई हैं. इन दो जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 34 हो गई है. पिछले दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जजों की नियुक्ति को लेकर मंजूरी दी थी.

कॉलेजियम ने की थी नामों की सिफारिश

जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह और जस्टिस आर महादेवन की नामों की सिफारिश कॉलेजियम ने किया था. जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह मणिपुर से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने वाले पहले व्यक्ति है. एन कोटिश्वर सिंह को सबसे पहले 2011 में गुवाहाटी हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. 2013 में जब कोर्ट की स्थापना हुई, तो जस्टिस सिंह को मणिपुर हाई कोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया. उन्हें फरवरी 2023 में जम्मू व कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया. सिंह 28 फरवरी 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह का जन्म 1 मार्च 1963 को मणिपुर के इंफाल में हुआ था. वे (दिवंगत) जस्टिस एन इबोटोम्बी सिंह के पुत्र है, जिन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट के रूप में कार्य किया था और मणिपुर के पहले एडवोकेट जनरल भी रहे थे. जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने 1983 में किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की है और 1986 दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है.

कॉलेजियम ने 11 जुलाई को की थी सिफारिश

वहीं जस्टिस आर महादेवन का जन्म 10 जून 1963 में चेन्नई में हुआ था, मद्रास लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. इसके बाद 25 साल तक बतौर वकील काम किया. जस्टिस महादेवन को 2013 में मद्रास हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 11 जुलाई को इन दोनों जजों के नाम की सिफारिश की थी. कॉलेजियम व्यवस्था के जरिये हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और तबादले पर फैसला होता है.

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कॉलेजियम की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करते है. उनके अलावा चार और सबसे सीनियर जज होते हैं. जिसे साल 1993 में न्यायालय अपने ही फैसले के द्वारा लेकर आया था. इससे पहले देश के 7 हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी. गौरतलब है कि कॉलेजियम ने जस्टिस अनुरुद्ध बोस की 10 अप्रैल, 2024 को और जस्टिस एएस बोपन्न की 19 मई, 2024 को सेवानिवृत्त होने के कारण दो रिक्तियों को भरने के लिए जस्टिस सिंह और जस्टिस महादेवन के नामों की सिफारिश की थी.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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