Adani-Hindenburg: अडानी-हिंडनबर्ग विवाद सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर है. अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयर की कीमतों में फेरबदल करने के आरोपों को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं. जिनपर आज सुनवाई होने वाली है. अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) विवाद पर एक और PIL दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस चौथी जनहित याचिका को भी स्वीकार कर लिया है.
अडानी समूह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के दावे के बाद जहां शेयर बाजार में भूचाल आ गया था, तो वहीं संसद में विपक्ष ने भी जमकर बवाल काटा. संसद का हंगामा कुछ दिनों के लिए तो थम गया है, लेकिन अडानी ग्रुप की दुश्वारियां हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
विवाद का सीधा असर निवेशकों पर पड़ा है तो इसलिए मामला कोर्ट की दहलीज पर खड़ा है. आज अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है. देश की सर्वोच्च अदालत में एक के बाद एक 4 जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनपर आज सुनवाई होने की पूरी उम्मीद है. पहले तीन पीटिशन कोर्ट में दाखिल गई थीं. लेकिन गुरुवार को अडानी समूह के खिलाफ जांच की मांग को लेकर चौथी याचिका भी दायर कर दी गई. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस चौथी याचिका को भी स्वीकार कर लिया है.
बता दें कि अडानी समूह की कपंनियों पर धोखाधड़ी और शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के संगीन आरोप लगे हैं. याचिका में इन आरोपों की किसी समिति या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों की देखरेख में इंवेस्टिगेशन एजेंसी से जांच करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय, कंपनी रजिस्ट्रार, सेबी, ईडी से मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स विभाग से टैक्स चोरी के पनाहगाह देशों में ऑफशोर लेनदेन और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से ऑडिट का निर्देश देने को कहा है.
पहले चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने अडानी समूह के शेयरों की कीमतों में कृत्रिम तरीके से गिरावट के आरोप और निवेशकों का शोषण करने के आरोपो से संबंधित 3 जनहित याचिकाएं स्वीकार की थीं. जिन्हें सुनवाई के लिए लिस्ट करने का निर्देश दिया गया था.
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शेयर बाजार में आए भूचाल से निवेशेकों के लाखों करोड़ रुपये पानी की तरह बह चुके हैं. आलम ये है कि अभी भी अडानी की कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट पिछले दिनों अपनी चिंता भी जाहिर कर चुका है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस सुझाव को माना है जिसमें बाजार नियामक व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए एक्सपर्ट कमिटी बनाने को कहा गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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