Bahraich Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के बहराइच में प्रस्तावित बहराइच बुल्डोजर की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्टजल्द सुनवाई कर सकता है. याचिका दायर कर इसे रोकने की मांग की गई है. तीन पीड़ितों द्वारा यह याचिका दायर की गई है. याचिका में उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा चस्पा किया गया नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है.
इसके साथ ही याचिका में स्थानीय विधायक द्वारा दिए गए बयान का भी हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि बहराइच की घटना के बाद प्रशासन ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के अवैध रूप से निर्मित घर पर विध्वंस नोटिस चिपकाया है. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर 15 दिन के लिए रोक लगा रखा है.
पीडब्ल्यूडी विभाग ने 23 लोगों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब देने को कहा था. पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से शनिवार को बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घर और दुकान पर नोटिस लगाई गई थी. जिसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स की इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नोटिस को रद्द करने की मांग की गई. पीडब्ल्यूडी विभाग ने घरों पर नोटिस चस्पा कर उनके निर्माण को अवैध बताया है. इनमें कई बहराइच में हुई हिंसा के आरोपी भी है.
बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव में 13 अक्टूबर को जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर हुए सांप्रदायिक टकराव के दौरान 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी. जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने क्षेत्र में 23 मकान और प्रतिष्ठानों को ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया था. उनमें से 20 घर मुस्लिमों के है. वे सड़क नियंत्रण अधिनियम 1964 के तहत जारी किए गए.
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