सुप्रीम कोर्ट देशभर की विभिन्न जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. जस्टिस एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर एक याचिका 2005 से ही लंबित है. ऐसे में कोर्ट इस नई याचिका पर सुनवाई करने को न इच्छुक नही है. यह याचिका पंजाब के फगवाड़ा के रहने वाले अधिवक्ता नितिन मिट्ठू की ओर से दायर की गई थी.
याचिका में कहा गया था विदेश मंत्रालय के पिछले साल उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जेलों में बंद 337 पाकिस्तानी कैदियों में से 103 कैदी ऐसे है, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है या बरी हो चुके है, लेकिन अभी भी वो भारतीय जेल में बंद है. याचिका में अपनी सजा पूरी कर चुके 103 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. भारत के विभिन्न जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदी अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे हैं. कुछ हत्या तो कुछ आतंकी घटनाओं में शामिल है.
इसके अलावे कुछ घुसपैठ की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किए गए थे. हालांकि देश भर के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी है. जिसको लेकर नालसा द्वारा 2024 में एक रिपोर्ट जारी किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में यूटीआरसी की सिफारिश कर देशभर की जेलों स 25982 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया है, जो कि जेलों में बंद कुल कैदियों के 5% है.
-भारत एक्सप्रेस
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