Kuldeep Singh Sengar
Unnao Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को स्वास्थ्य के आधार पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाने की मांग वाली अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने जांच अधिकारी को सेंगर के मेडिकल दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान सेंगर की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें मोतियाबिंद की सर्जरी करानी है, और एम्स ने सर्जरी के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की है, जबकि कोर्ट द्वारा स्वास्थ्य के आधार पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि 20 जनवरी को खत्म हो रही है.
अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाए जाने पर किया विरोध
उन्होंने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते समय कही नही कहा है कि चिकित्सा कारणों से कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है. वही सीबीआई ने अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाए जाने का विरोध किया है. सीबीआई ने कहा कि परिस्थितियों में कोई बदलाव नही हुआ है. सीबीआई ने कहा कोर्ट ने जमानत देते समय कहा था कि आगे अंतरिम जमानत का विस्तार नही किया जाएगा. जिसपर जस्टिस विकास महाजन ने कहा कि सवाल यह है कि क्या निलंबन की मांग वाली मुख्य याचिका पर फैसला किया जाना है या अंतरिम जमानत बढ़ाई जानी है.
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कुलदीप सेंगर को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाए और उनका मेडिकल मूल्यांकन किया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि मेडिकल सुपरिटेंडेंट कोर्ट को सुझाव देंगे कि क्या इलाज एम्स में संभव है. कुलदीप सेंगर ने हाई कोर्ट ने याचिका दायर कर दावा किया है कि वह मधुमेह, मोतियाबिंद, रेटिना संबंधी समस्या और अन्य बीमारियों से पीड़ित है.स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग
पिछली सुनवाई में सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि कुलदीप सेंगर की हाई कोर्ट ने जून में सजा निलंबित करने की मांग को खारिज कर चुका है. जिसपर सेंगर की ओर से पेश वकील ने कहा था कि स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले स्वास्थ्य के आधार पर सजा को निलंबित करने की मांग नही नकी गई थी. सेंगर के वकील ने यह भी कहा था कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दे रखी है, जिसपर लंबे समय से सुनवाई नही हो पाई है.
सेंगर करीब 8 साल से जेल में बंद है. जबकि इस मामले में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. ज्ञात हो कि कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि साल 2017 में पीड़ित का अपहरण कर उससे बलात्कार करने का दोष साबित हुआ था. घटना के समय पीड़ित नाबालिग थी. 13 मार्च 2020 को निचली अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की कठोर सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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