देश

Mathura Shahi Masjid Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्मभूमि के रूप में मान्यता देने की मांग

Mathura Shahi Masjid Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक अपील खारिज कर दी, जिसमें मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्मभूमि के रूप में मान्यता देने और मस्जिद को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी गई थी.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसमें उठाए गए मुद्दों पर कई नागरिक मुकदमे पहले से ही विचाराधीन हैं. न्यायमूर्ति खन्ना ने याचिकाकर्ता से कहा, “मुकदमे की बहुलता न रखें. आपने इसे एक जनहित याचिका के रूप में दायर किया था, यही कारण है कि इसे (उच्च न्यायालय द्वारा) खारिज कर दिया गया था. इसे अन्यथा दायर करें, हम देखेंगे. हम आक्षेपित फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए एसएलपी को खारिज कर दिया गया है.”

अदालत ने कही यह बात

शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा “हम स्पष्ट करते हैं कि एसएलपी की बर्खास्तगी कहीं भी पार्टियों के किसी अधिनियम की शक्तियों को चुनौती देने के अधिकार पर टिप्पणी नहीं करती है या किसी भी पार्टी को किसी भी अधिनियम की शक्तियों को चुनौती देने से रोकती है.”

इसे भी पढ़ें: Delhi Drug Scam: शराब के बाद अब दवा घोटाले में बढ़ी केजरीवाल सरकार की मुश्किलें! गृह मंत्रालय ने दी FIR दर्ज करने की इजाजत

गवान कृष्ण का जन्मस्थान होने का दावा

12 अक्टूबर, 2023 को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जो कथित तौर पर कृष्ण जन्मभूमि पर बनी थी, जिसे याचिकाकर्ता वकील महेक माहेश्वरी भगवान कृष्ण का जन्मस्थान होने का दावा करते हैं. उनकी जनहित याचिका में यह तर्क दिया गया था कि विभिन्न ग्रंथों में प्रश्नगत स्थल को कृष्ण जन्मभूमि भूमि के रूप में दर्ज किया गया था और दावा किया गया था कि यह एक उचित मस्जिद नहीं थी, क्योंकि इसे भूमि का जबरन अधिग्रहण करके बनाया गया था. याचिका में कहा गया कि यह एक उचित मस्जिद नहीं है क्योंकि इस्लामी न्यायशास्त्र के अनुसार, जबरन अधिग्रहित भूमि पर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जा सकता है. दूसरी ओर, हिंदू न्यायशास्त्र के अनुसार, एक मंदिर एक मंदिर ही होता है, भले ही वह खंडहर हो, याचिका में कहा गया है.

Rohit Rai

Recent Posts

केस दर्ज होने के खिलाफ AMU में छात्रों का प्रदर्शन, छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर अड़े

AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…

1 hour ago

‘व्यापार और भारत पर इसका कोई असर नहीं होगा’, अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर बोले अधिवक्ता विजय अग्रवाल

Gautam Adani Indictment In US: दिल्‍ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने उद्योगपति…

2 hours ago

BGT Perth Test: टीम इंडिया 9वीं बार विदेशी सीरीज में पहले ही दिन हुई ऑल-आउट

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय टीम पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 150 रन बनाकर ऑल-आउट…

2 hours ago

हर वर्ष 5 लाख डॉलर की नौकरी और परिवार को दुबई का वादा, बायजू के संस्थापक पर गवाह को देश छोड़ने के लिए लालच देने के लगे आरोप

अमेरिका के व्यवसायी और गवाह ने दुबई में बायजू रवींद्रन के साथ अपनी मुलाकातों को…

2 hours ago

Norway की राजकुमारी के बेटे पर लगा ऐसा गंभीर आरोप कि झेलनी पड़ रही शर्मिंदगी, जानें पूरा मामला

नॉर्वे की राजकुमारी मेटे-मैरिट के बेटे मैरियस बोर्ग होइबी पर यौन उत्पीड़न और रेप के…

2 hours ago