MSP सहित अन्य मांगों को लेकर 24 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) की सेहत के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए डल्लेवाल से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट को तलब किया है. कोर्ट 20 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई करेगा.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि डल्लेवाल 24 दिनों से हड़ताल पर हैं. उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई है. वो 10 मिनट तक बेहोश रहे. इसपर कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि 70 साल का एक शख्स भूख हड़ताल पर है, उन्हें मेडिकल सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है. कोर्ट ने कहा कि किसानों के लिए अदालत के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं. कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल भूख हड़ताल जारी उसी तरह रख सकते हैं, जिस तरह इरोम शर्मिला ने जारी रखा था.
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर डल्लेवाल को कुछ हो गया तो राज्य सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें कि डल्लेवाल को सभी मेडिकल सुविधाएं मिलती रहे.
वहीं मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है. उन्होंने मेडिकल टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है. उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं, जिसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वह कौन डॉक्टर है जो बिना टेस्ट किए हुए कहता है कि डल्लेवाल ठीक है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपके अधिकारी मेडिकल सुविधा देने के बजाए डल्लेवाल को अदालत के मंच पर लाने के लिए उत्सुक क्यों है. आपके अधिकारी उनके स्वस्स्थ्य के बारे में जो दावे कर रहे हैं, उसपर हम कैसे भरोसा करें.
इस पर पंजाब की ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने कहा तीन चार लोगों को समस्या है. हम उन्हें ट्रांसफर करना चाहते हैं लेकिन वे विरोध कर रहे हैं. उन्होंने ट्रॉलियों से खुद को घेर रखा है, ताकि कोई वाहन न निकल सके. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि डल्लेवाल से बातचीत हुई है. वो पहले विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार ने 7 डॉक्टरों की एक टीम वहां बैठा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि एक हवेली को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है.
पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने यह भी कहा कि घटनास्थल पर तीन से चार हजार लोग मौजूद हैं. यहां अगर किसी तरह का टकराव होता है तो वहां बड़ा हादसा हो सकता है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण बैठे हैं. ये सब आपके अधिकारियों की मनगढ़ंत बातें है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आंदोलनकारी किसान अगर कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते, तो सीधे सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं. जो भी समस्या है सुप्रीम कोर्ट को बता सकते हैं. किसानों के लिए हमेशा अदालत के दरवाजे खुले है. कोर्ट ने कहा था कि डल्लेवाल की जिंदगी बहुत महत्वपूर्ण है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अगर उनको कुछ होता है तो बहुत मुश्किल हो जाएगी. कोर्ट ने कहा था कि डल्लेवाल को बचाने के लिए जो भी कदम उठाने हो, मेडिकल हेल्प देना होगा, राज्य सरकार तत्काल कदम उठाए.
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-भारत एक्सप्रेस
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