देश

महाराष्ट्र के तेजस लेंगरे खेती-किसानी और पशुपालन से कमाते हैं करोड़ों, युवाओं के लिए हैं प्रेरणा

महाराष्ट्र में सांगली जिले के तेजस लेंगरे बकरी, मुर्गी पालन, वर्मी कम्पोस्ट, चारा मार्केटिंग और नर्सरी के जरिए हर साल ढाई-तीन करोड़ रूपये तक का टर्न ओवर करते हैं. इनकी कहानी खेती और पशुपालन के क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे नौजवानों के लिए प्रेरणादायक हैं.

जिले के बामणी गांव के रहनेवाले तेजस लेंगरे ने साल 1999 में दसवीं की परीक्षा पास की. किशोरावस्था में तेजस ने आगे पढ़ाई करने की जगह कुछ बड़ा करने के मकसद से बिजनेस करने का फैसला कर लिया.

ऑटो ट्रांसपोर्ट का काम

तेजस ने सबसे पहले एक ऑटो ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया. तेजस ने ये काम करीब एक साल तक किया. बकरे ढोते-ढोते तेजस को हाई-टेक बकरा फार्म खोलने का आइडिया आया. इसके लिए उनके पास ज्यादा पैसा नहीं था. ऐसी स्थिति में भी तेजस ने हिम्मत नहीं हारी और उधार लेकर अफ्रीकन बोअर प्रजाति की दो बकरियां खरीद कर अपने घर के पास ‘महाकाली बकरा फार्म’ शुरू किया.

तेजस ने खूब मन लगाकर अपने फार्म में काम करना शुरू किया. शुरू में कुछ अड़चनें जरूर आईं लेकिन कुछ सालों में तेजस का काम चल पड़ा. देखते देखते हजारों की कमाई लाखों तक पहुंच गई.


ये भी पढ़ें: …जब रूसी तानाशाह स्टालिन की बेटी को एक भारतीय से हो गया था प्यार, भारत और सोवियत संघ के रिश्तों में आ गया था तनाव


तेजस का बकरी फॉर्म

तेजस के बकरी फार्म में अफ्रीकन बोअर नस्ल के 350 से ज्यादा बकरे-बकरियां हैं, प्रत्येक बकरे का वजन तीन-चार महीने में 20 किलो तक पहुंच जाता है. उसके बाद ही बकरों को बेचा जाता है. तेजस हर साल अफ्रीकन बोअर नस्ल की 100 बकरियां और बकरे बेचते हैं. जिससे उन्हें 70 लाख रुपए तक की आमदनी होती है.

तेजस बताते हैं कि एक बकरी 16 महीने में 4 बच्चे देती है. 1 बकरे या बकरी को साढ़े तीन महीने में 20 किलो का तैयार करके 2000 से 1500 रुपए किलो के हिसाब से एक बकरी को चालीस हजार और बकरे को 30 हजार में बेचते हैं. एक बकरी और एक बकरे का पालने पर खर्च हजार से लेकर पन्द्रह सौ रुपए का आता है. इस तरह बकरियों से 30 से 35 हजार और बकरों से 25 हजार का मुनाफा मिल जाता है.

बकरियों का खास ख्याल

तेजस अपनी बकरी फार्म को खास ट्रीटमेंट देते हैं. उन्हें दिन में तीन बार खाने के लिए घास दी जाती है. वजन बढ़ने के लिए प्रोटीन पाउडर को पानी में मिलाकर दिया जाता है. हर 21 दिनों के बाद बीमारियों से बचने के लिए इन्हें दवा और इंजेक्शन लगाए जाते हैं. फार्म में दुर्गन्ध कम करने के लिए खास तरह की घास बिछाई गई है. तेजस आधुनिक तकनीक अपनाते हैं. बकरे बेचने के लिए तेजस को मार्केट की जरूरत कभी नहीं पड़ी.

तेजस ने अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए खास तरह का चारा उगाने और बेचने का काम भी शुरू किया है. इससे जहां बकरियों को अच्छा पोषण मिलता है, वहीं चारे से अच्छी कमाई भी हो जाती है. यही नहीं उन्होंने जगह का बेहतर इस्तेमाल करते हुए देसी मुर्गियों का पालन भी शुरू किया है. नर्सरी और वर्मी कम्पोस्ट से भी तेजस को अच्छी कमाई हो रही है. तेजस लेंगरे की कहानी ये सिखाती है कि बहुत पढ़े लिखे ना होने के बाद भी आप मेहनत, संघर्ष और नई तकनीकों के सटीक इस्तेमाल से जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुंच सकते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Vikash Jha

Recent Posts

Haryana Exit Poll 2024: हरियाणा में अबकी बार किसकी सरकार? Bharat Express पर देखें LIVE

हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम जारी होने से पहले भारत एक्सप्रेस न्यूज चैनल पर देखिए एक्जिट…

13 mins ago

टीवी पर Zakir Naik को लेकर बहस के दौरान मौलाना से भिड़े आचार्य, चले लात-घूंसे… फिर क्या हुआ?

यह पहली बार नहीं है कि न्यूज चैनल पर लाइव टीवी डिबेट के दौरान पैनलिस्टों…

26 mins ago

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री Satyendra Jain की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर फैसला सुरक्षित

ईडी ने सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन को पिछले…

1 hour ago

Viral Video | ऐसा क्या हुआ कि कनाडाई मकान मालिक ने भारतीय को बिना शर्ट घर से निकाला बाहर!

सोशल मीडिया पर एक कनाडाई मकान मालिक द्वारा एक भारतीय किराएदार का सामान फेंकने का…

1 hour ago

Terror Funding Case: बारामुला MP राशिद इंजीनियर की जमानत पर 15 अक्टूबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला

Terror Funding Case: 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण (आतंकी फंडिंग) मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम…

1 hour ago