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तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को मिली बड़ी राहत, कैश-फॉर-वोट मामले में अवमानना कार्यवाही बंद

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कैश फॉर-वोट घोटाला मामले में अवमानना कार्यवाही को माफी मांगे जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने का आदेश दिया है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सभी संवैधानिक पदाधिकारियों को एक-दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान रखना चाहिए. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने के कविता की जमानत पर रेवंत रेड्डी के बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा था.

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा था कि ACB और प्रॉसिक्यूशन विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में निचली अदालत मे निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, इसलिए हमने मामले को राज्य से बाहर मध्यप्रदेश ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. पिछली सुनवाई के कोर्ट ने रेड्डी के द्वारा के कविता की जमानत पर दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर आपको सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं है तो मुकदमा कहीं और ले जाइए. साथ ही यह भी कहा था कि मुक़दमा ट्रांसफर करने के मुद्दे को हम अभी खुला रखेंगे.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि रेवंती रेड्डी कोर्ट को लेकर लगातार टिप्पणी कर रहे है. याचिका गुंटा कांडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए जरूरी है कि केस को तेलंगाना से भोपाल ट्रांसफर किया जाए. याचिकाकर्ताओं में तेलंगाना के एक पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री शामिल है. याचिका में कहा गया है कि रेड्डी इस समय मुख्य आरोपी है, तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री है और गृहमंत्री बन गए है, जिनके खिलाफ 88 आपराधिक मामले लंबित है. इन परिस्थितियों में चुकी अभियुक्त का अभियोजन पर सीधा नियंत्रण है, इसलिए यह समझा जाता है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई की कोई संभावना नही हो सकती है.

बता दें कि यह मामला 31 मई 2015 का है. उस समय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने विधान परिषद चुनावों में कथित तौर पर टीडीपी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रेवंत रेड्डी को गिरफ्तार किया था. रेवंत रेड्डी उस समय टीडीपी में थे. रेवंत रेड्डी के अलावा एसीबी ने कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में उन सभी को जमानत दे दी गई. एसीबी को इस मामले में ऑडियो और वीडियो सबूत भी मिले है. एसीबी ने अपने चार्जशीट में आरोपों का साबित करने वाले इन ऑडियो और वीडियो साक्ष्य को शामिल किए हैं.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा के लिए दिल्ली, यूपी और हरियाणा से जवाब मांगा

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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