दिल्ली के निचली अदालत ने ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार तीन महिलाओं को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एकता गाबा ने कहा कि बरामद नमूनों में कोई नशीला पदार्थ नहीं पाया गया है. प्रत्येक महिला के पास से कथित तौर पर 12-12 ग्राम स्मैक मिले थे.
न्यायाधीश ने इसके साथ ही आरोपी अंजू, ललिता और मोनिका को बरी कर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच दोषपूर्ण है, क्योंकि बरामदगी के दौरान एक स्वतंत्र गवाह को शामिल नहीं किया गया. अपराध स्थल के पास के कोई भी सीसीटीवी फुटेज भी पेश नहीं किए गए. इसके साथ ही बरामदगी कम मात्रा से थोड़ी ही अधिक है.
न्यायाधीश ने फारेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि पेश किए गए साक्ष्यों में कोई मादक पदार्थ या ट्रैंक्विलाइजर नहीं पाया गया है. इसलिए उनके खिलाफ एनडीपीएस के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते. इससे पूरे अभियोजन पक्ष के मामले की विसनीयता भी खत्म हो जाती है.
आरोपियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है. इस प्रकार अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है. तीनों महिलाओं को आईपी एस्टेट पुलिस ने 4 मई, 2017 को दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के पास से एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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