देश

यूपी कांग्रेस में सिरफुटव्वल की आहट, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ क्या सिर्फ चुनावी जुमला था?

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस उत्तर प्रदेश में वापसी की कोशिशें कर रही है.यही वजह है कि अब पार्टी ने बृजलाल खाबरी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.बृजलाल खाबरी इससे पहले बीएसपी में थे.Brijlal Khabri उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से आते हैं.पार्टी ने बाकायदा ये ऐलान किया कि जालौन के एक पूर्व सांसद खाबरी, यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) की कमान संभालेंगे.राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा, पार्टी ने छह क्षेत्रीय अध्यक्षों को भी नियुक्त किया जो संगठनात्मक मामलों में खाबरी की मदद करेंगे. लेकिन लगता ये है कि कांग्रेस का संकट इससे खत्म नहीं होगा. कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले बेचैन हैं.उनका कहना है कि जिन नामों का जिक्र किया जा रहा है उनमें एक भी नेता ऐसा नहीं है जो पार्टी आलाकमान के सामने अपनी परेशानियों का जिक्र कर सके,अपने मन की बातें कह सके .इससे ये बात साफ है कि इन तब्दीलियों से कांग्रेस की गाड़ी पटरी पर लौटना मुश्किल है.

लड़की हूं,लड़ सकती हूं नारे का क्या हुआ?

पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू थे. जब चुनाव हारने के बाद लल्लू को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था तब AICC महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अभियान का नेतृत्व कर रही थीं. कांग्रेस के अंदर से आवाजें उठ रही हैं. कांग्रेस काडर हैरान.उसे लगता है कि पार्टी वास्तव में कैडर विकसित नहीं करना चाहतीं, क्योंकि सूची में योगेश दीक्षित को छोड़कर अधिकांश गैर-कांग्रेसी कैडर के नेता हैं.बीजेपी के बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ कार्यक्रम की तर्ज पर प्रियंका ने लड़की हूं ,लड़ सकती हूं का नारा दिया.उत्तर प्रदेश में इसे साकार करने के लिए कुछ ज़िलों में कार्यक्रम भी आयोजित किये गये,लेकिन ना तो तो उनका ये कार्यक्रम सफल हुआ और ना ही लोगों और कार्यकर्ताओं से कनेक्ट कर सकीं.हालत ये रही कि राहुल गांधी पूरे चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश गये ही नहीं.लेकिन प्रियंका गांव-गांव में घूमती रहीैं.

बीएसपी के वोट बैंक में सेंध

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. उस समय कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था. वहीं अब बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने जनता को संदेश देने की कोशिश की है. इतना ही नहीं, 6 प्रांतीय अध्यक्षों से भी कांग्रेस ब्राह्मण, भूमिहार, ओबीसी और गैर यादव ओबीसी मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है. खासतौर से इस समीकरण से मायावती और अखिलेश यादव को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है.हालांकि, कांग्रेस की राजनीति को नजदीक से देखने वाले हैरान हैं कि खाबरी सहित अधिकांश नियुक्तियां मूल रूप से पार्टी से नहीं हैं. घोषित नामों में से केवल योगेश दीक्षित पार्टी में रैंकों के माध्यम से आगे बढ़े और उपाध्यक्ष  रहे. सूची में अन्य क्षेत्रीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय राय, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे और अनिल यादव हैं.

भारत एक्सप्रेस

 

 

 

Bharat Express

Recent Posts

फिनलैंड के दूतावास में ‘ऑल आई वॉन्ट फॉर क्रिसमस’ फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर

फिल्म में रूस-यूक्रेन युद्ध से विस्थापित शरणार्थियों की पीड़ा का सशक्त चित्रण किया गया है.…

13 mins ago

दिल्ली नगर निगम साउथ एक्सटेंशन-2 विद्यालय में मनाया गया विंटर कार्निवल, देखिए तस्वीरें

क्रिसमस विंटर कार्निवल थीम पर दिल्ली में एमसीडी विद्यालय साउथ एक्सटेंशन-2 मध्य क्षेत्र में भव्य…

30 mins ago

भारत ने दुनिया को दिखाई ताकत, जानें Global Fire Power Ranking में किस नंबर पर है

भारत की सैन्य ताकत पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है. भारत की सरकार ने…

36 mins ago

दिल्ली क्राइम ब्रांच की AHTU और AGS टीमों ने 2 नाबालिग और 2 युवतियों को किया बरामद

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली के Jaitpur और Narela इलाकों से अपहृत युवतियों को नोएडा और…

51 mins ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को किया खारिज

दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में…

54 mins ago

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो की कुर्सी खतरे में…

अभी हाल में तीन छात्रों की हत्या ने कनाडा की कानून व्यवस्था, भारतीयों की सुरक्षा…

58 mins ago