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झारखंड में ‘मंईयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों की स्क्रीनिंग और राशि रिकवरी की चिट्ठी पर बवाल

झारखंड में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में ‘गेमचेंजर’ मानी गई हेमंत सोरेन सरकार की ‘मंईयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों की अब नए सिरे से स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग के निर्देश पर उन लाभार्थियों की पहचान की जाएगी, जो इस योजना का लाभ लेने की ‘पात्र’ नहीं हैं. अगर अयोग्य लाभार्थियों ने इस योजना के तहत लाभ प्राप्त किया है तो राशि की रिकवरी भी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस निर्देश पर जोरदार विरोध जताया है.

अयोग्य लाभार्थी का नाम हटाने का निर्देश

सामाजिक सुरक्षा विभाग के निर्देश पर रांची के उपायुक्त ने जिले के सभी प्रखंडों के बीडीओ और अंचलों के सीओ को चिट्ठी लिखकर कहा है कि यदि कोई लाभार्थी अयोग्य पाई जाती है तो उनका नाम सूची से हटाया जाए और उन्हें दी गई सम्मान राशि की रिकवरी की जाए. उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया 28 दिसंबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है.

इस सूचना के बाद महिला लाभार्थियों में खलबली मच गई है. चुनाव के पहले राज्य के सभी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर अभियान चलाकर 18 से 50 साल की उम्र तक की महिलाओं से इस योजना के तहत फॉर्म भरवाए गए थे. इसके बाद करीब 55 लाख महिलाओं के खाते में अगस्त, से लेकर नवंबर महीने तक एक-एक हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की गई.

दिसंबर से 2500 रुपये देने का ऐलान

सरकार ने दिसंबर महीने से लाभार्थियों को एक हजार के बदले 2500 रुपए देने का ऐलान कर रखा है. संभावना है कि एक-दो दिनों के अंदर दिसंबर महीने की किस्त ट्रांसफर कर दी जाएगी. दूसरी तरफ, लाभार्थियों की स्क्रीनिंग भी शुरू की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने लाभार्थियों से राशि रिकवर करने के निर्देश पर जोरदार विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने गुरुवार को यह मुद्दा विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी उठाया था.

बाबूलाल मरांडी ने उठाया मुद्दा

उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘चुनाव से पहले बेरोकटोक मुफ्त के रेवड़ी की तरह मंईयां सम्मान योजना की राशि बांटने वाली हेमंत सरकार अब महिलाओं से वसूली की तैयारी कर रही है. विभागों को विशेष दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि येन केन प्रकारेण, योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं का नाम छांट कर लाभुकों की संख्या सीमित रखी जाए.’

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर राज्य सरकार को दिया निर्देश, बल प्रयोग न करें; हाई पावर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट पर जताई संतुष्टि

उन्होंने आगे लिखा, ‘लाभुक सत्यापन के नाम पर महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित रखने का प्रयास करने वाली हेमंत सरकार चुनाव के दरम्यान सभी महिलाओं को 2500 रुपए मासिक वित्तीय सहायता देने का दंभ भरती थी, लेकिन सरकार बनते ही हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना में कई नई शर्तें थोप दीं हैं. हेमंत जी, बिना जांच के पैसे देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो, ना कि लाभुक महिलाओं पर. भाजपा, महिलाओं से मंईयां सम्मान योजना की राशि वसूली नहीं होने देगी.’

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

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