Tobacco Control Law: तंबाकू उत्पादों और अल्कोहल के सेवन से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है. संसद की स्थाई समिति द्वारा इनके सेवन पर प्रभावी रोक की सिफारिशें की गई है. इनमें सिगरेट के सिंगल यूज को भी रोकने की बात की गई है. समिति का मानना है कि जबसे जीएसटी लागू हुआ है तबसे तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले कर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं की गई है. अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आम बजट में तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाया जा सकता है.
समिति ने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के हवाले से यह कहा है कि तंबाकू और अल्कोहल का सेवन करने से कैंसर होने की आशंका रहती है. इसके अलावा गुटखा, माउथ फ्रेशनर और सुगंधित तंबाकू के नाम से बिकने वाले उत्पादों पर भी रोक लगाने की बात कही गई है. इसके साथ ही संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों में एयरपोर्ट पर स्मोकिंग जोन को बंद किए जाने की बात भी की गई है.
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इन उत्पादों पर लगने वाले टैक्स से होने वाली आय का इस्तेमाल कैंसर पीड़ितों के ट्रीटमेंट में किया जाएगा. इसके अलावा तंबाकू के खिलाफ जागरूकता अभियानों के प्रसार में भी इस धन का उपयोग किया जाएगा. कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर लगने वाले टैक्स से कैंसर के मामलों में कमी आ सकती है.
लगना चाहिए इतना टैक्स
इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले फ्लैट दरों को बढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह लोगों की सेहत से जुड़ा हुआ मामला है. टैक्स बढ़ने से उम्मीद है कि इसकी खपत में काफी कमी आएगी.
कुछ अन्य स्वास्थ्य संगठनों और वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए एक प्रस्ताव के मुताबिक, सिंगल सिगरेट की न्यूनतम दर 12 रुपए तो बीड़ी की न्यूनतम दर 1 रुपए की जाए. वहीं इसमें स्मोक फ्री सिगरेट पर 90 प्रतिशत टैक्स बढ़ाया जाने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
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