Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी तेज हो गई है. 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा और इसी दिन राम मंदिर का उद्घाटन होगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले चार हजार से अधिक साधु संत और महंत हिस्सा लेंगे. तो वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इस मौके पर पूरे देश से आह्वान किया है कि घर-घर दीप जलाए जाएं.
तो दूसरी ओऱ विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 10 करोड़ परिवारों तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण देने की जिम्मेदारी ली है. पूरे देश के तमाम हिस्से से राम भक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. इस सम्बंध में आलोक कुमार ने मीडिया को जानकारी दी कि रामलला की आरती से पूजित अक्षत कलश सभी घरों में भेजकर इतिहास के सबसे बड़े दिन की याद कराई जाएगी. जब भगवान राम 14 साल बाद अयोध्या लौटे थे तो दीवाली मनाई गई थी. ठीक उसी तरह 22 जनवरी को भी एक बार फिर से उत्सव मनाया जाएगा और दीवाली मनाई जाएगी.
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आलोक कुमार ने राम मंदिर को लेकर बताया कि अब 500 साल बाद राम जन्मभूमि के वापस मिलने पर कार्यक्रम भव्य होने जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा. हर राम भक्त रामलला को राम मंदिर में विराजमान होता देखे, इसके लिए पूरा बंदोबस्त किया जा रहा है. कार्यक्रम को देश विदेश के पांच लाख मंदिरों में लाइव देख सकेंगे. माना जा रहा है कि कार्यक्रम को करीब 7 करोड़ लोग लाइव देखेंगे. इसी के साथ ही विहिप ने पूरे देश और विदेश में रहने वाले रामभक्तों को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ने की अपील की है.
आलोक कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या दर्शन हर कोई चाहता है, लेकिन एक ही दिन सभी को बुलाना संभव नहीं है. इसलिए 22 जनवरी को राम भक्त अपने घर के करीब के मंदिर को अयोध्या मानकर एकत्र हों और मंदिर की परंपरा अनुसार पूजा पाठ, आराधना और अनुष्ठान करें. इसी के साथ राम भक्तों से अपील की गई है कि शाम को अपने-अपने घरों में कम से कम पांच दीप जरूर जलाएं और दीवाली की तरह 22 जनवरी के दिन को मनाएं.
कार्यक्रम को लेकर आलोक कुमार ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल टीम या कार्यकर्ता किसी तरह का तोहफा, चंदा या अन्य सामान किसी से नहीं लेंगे. इसी के साथ कहा कि जिन राम भक्तों ने आंदोलन के दौरान जीवन न्योछावर किया है, उनके परिजनों का सपना अब पूरा हो रहा है. राम जन्मभूमि को मुक्त कराने की लड़ाई 1984 से जारी हुई थी, लेकिन अब हर राम भक्त का सपना पूरा होने जा रहा है. इस कार्यक्रम को लेकर वीएचपी ने खास तैयारी की है. आंदोलनकारियों को अयोध्या बुलाकर सरयू में स्नान और हनुमान गढ़ी का दर्शन कराया जाएगा.
तैयारी को लेकर आलोक कुमार ने जानकारी दी कि वीएचपी ने देश को 45 प्रांतों में बांटकर प्रत्येक प्रांत के लिए तय तारीख पर 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच अयोध्या आने का निवेदन किया है. इसी के साथ ही करीब एक लाख लोगों को 22 फरवरी तक दर्शन कराने का लक्ष्य रखा गया है. 23 फरवरी से सारे समाज के लिए मंदिर को खोल दिया जाएगा और भक्त यहां प्रतिदिन आकर भगवान के दर्शन पूजन कर सकेंगे. उन्होंने ये भी बताया कि, 22 जनवरी से पहले अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी शुरू होने की संभावना है.
भारत एक्सप्रेस
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