कोलकाता (Kolkata) के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College & Hospital) में बीते अगस्त महीने में एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल और एक पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Sandip Ghosh) और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल (Abhijit Mondol) ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद ‘घटना को दबाना चाहते थे’ और उन्होंने ‘बलात्कार और हत्या की घटना’ को आत्महत्या में बदलने की कोशिश की थी.
एक रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को सियालदह के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत में घोष और मंडल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए ये आरोप लगाए. दोनों को बलात्कार-हत्या मामले में 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.
बीते 2 सितंबर को घोष को तीन अन्य लोगों के साथ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया था.
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शुक्रवार को अदालत में पेश किए गए अपने हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि जांचकर्ताओं ने ताला पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से निकाले गए डेटा के साथ-साथ दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन के डेटा की भी जांच की है.
सीबीआई ने कहा, ‘ताला थाने के सीसीटीवी फुटेज और दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन वाले डीवीआर और हार्ड डिस्क के डेटा को सीएफएसएल, कोलकाता से प्राप्त किया गया है और इसकी जांच की गई है. कई कॉल से यह स्पष्ट है कि आरोपी व्यक्ति घटना को दबाना चाहते थे.’
केंद्रीय एजेंसी ने बीते 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर भी प्रकाश डाला कि ‘सीबीआई जैसा कि अदालत के सामने आया है, दो पहलुओं पर जांच कर रही है – i) कथित बलात्कार और हत्या जो 09.08.2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई थी; और (ii) वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में आरोप, जिनकी जांच भी कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई थी. दोनों मामलों के बीच कोई संबंध है, इसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी.’
इस संबंध में सीबीआई ने कहा कि वह बलात्कार और हत्या के मामले में ‘अगर कोई बड़ी साजिश हुई है तो उसका पता लगाने’ की कोशिश कर रही है और ‘सबूतों को नष्ट करने/नष्ट करने के प्रयास और बलात्कार और हत्या के मामले को आत्महत्या में बदलने के पहलू पर जांच अभी भी पूरे जोरों पर चल रही है’.
इसके बाद अदालत ने घोष और मंडल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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