Uttar Pradesh: यूपी (उत्तर प्रदेश) के नर्सिंग छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. नर्सिंग करने वाले छात्रों को योगी सरकार अब विदेश में नौकरी दिलाने में पूरी मदद करेगी. इसके लिए नई नियमावली बनाई जा रही है. सरकार गरीब छात्रों को विदेश भेजने का खर्च भी उठाने की तैयारी में है. इसके लिए विदेशी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों के साथ राज्य सरकार एमओयू करेगी. सबसे बड़ी बात ये है कि इसकी शुरुआत कनाडा, न्यूजीलेंड, आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत 10 देशों के साथ होने जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक यूपी में बीएससी नर्सिंग की 13,030, एमएससी नर्सिंग की 1,094 और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की 2,460 सीटें हैं. इसमें करीब 12 हजार सीटें निजी क्षेत्र के कॉलेजों की हैं. उत्तर प्रदेश से प्रत्येक वर्ष साल करीब 700 नर्स विदेश जाने के लिए आवेदन करती हैं, लेकिन बमुश्किल 100 नर्स ही जा पाती हैं. जबकि विदेश जाने वाली नर्सेज में 80 फीसदी केरल के संस्थानों की हैं.
जानकारी सामने आई है कि, यूपी से कम संख्या में नर्सों के विदेश जाने की वजह पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी ने सर्वे किया था. इसमें बड़ी वजह सामाजिक व आर्थिक समस्या सामने आई थी. सूत्रों के मुताबिक सरकार इसका समाधान ढूंढने के लिए ही नई नीति बना रही है. इसके लिए विदेशी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों से उनके मानकों की जानकारी मांगी गई है. उसी हिसाब से यहां के नर्सिंग छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसी के साथ उनकी काउंसिलिंग की जाएगी और जिस देश में जरूरत होगी, उसके बारे में छात्रों को बताया जाएगा. राहत भरी बात ये है कि, वहां जाने पर कितना वेतन मिलेगा, यह पहले ही तय हो जाएगा. सरकार आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विदेश जाने में मदद देगी. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए अलग-अलग मॉडल तैयार किए जा रहे हैं.
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नर्सिंग छात्रों के लिए ये भी राहत भरी खबर है, कि इस पूरी योजना में सरकार ने ये ध्यान रखा है कि छात्रों की बीच में नौकरी न छूट सके। इसके लिए सरकार और विदेशी अस्पतालों के बीच एमओयू साइन होगा और इससे विदेश जाने वाले नर्सों को नौकरी खोने अथवा बीच में छूटने का डर नहीं रहेगा। इसी के साथ विदेश जाने से पहले यह भी तय होगा कि संबंधित नर्स को कितने समय के लिए भेजा जा रहा है। साथ ही वहां किसी तरह की समस्या होने पर सरकारी तंत्र हमेशा सक्रिय रहेगा।
ये तो सभी जानते हैं कि, आस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड सहित यूरोप के तमाम देशों में बातचीत के लिए अंग्रेजी अति आवश्यक है. ऐसे में इन देशों के लिए होने वाले कैंपस सलेक्शन में उन्हीं छात्रों को मौका दिया जाएगा, जिनकी अंग्रेजी बेहतर होगी. जबकि यूएई समेत कई देशों में अंग्रेजी की समस्या नहीं है. इसलिए वहां की स्थानीय भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिस देश की टीम यहां चयन करने के लिए आएगी, उस हिसाब से छात्रों को अंग्रेजी व अन्य भाषाओं की कोचिंग भी दिलाई जाएगी.
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, आलोक कुमार ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में नर्सिंग प्रशिक्षण की गुणवत्ता लगातार बढ़ाई जा रही है. ऐसे में यहां से निकलने वाले छात्र अब विदेशी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में भी रोजगार हासिल कर सकेंगे. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. वहां के मानकों के मुताबिक नर्सिंग प्रशिक्षण देकर इच्छुक छात्रों को विदेश जाने का मौका दिया जाएगा. (फोटो-सोशल मीडिया)
-भारत एक्सप्रेस
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