UP News: अब यूपी (उत्तर प्रदेश) में लोग एक मोबाइल नम्बर से केवल 10 बार ही शिकायत कर सकेंगे. यानी एक महीने में केवल 10 बार ही जनसुनवाई समाधान (IGRS) पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे. जबकि पहले लोग करीब 50 बार शिकायत दर्ज करा सकते थे, लेकिन योगी सरकार ने जन शिकायतों की सुनवाई और उनके निवारण के लिए जनसुनवाई समाधान (आईजीआरएस) पोर्टल को और प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने के लिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.
अब लोग एक ही मोबाइल नम्बर से एक ही शिकायत या अन्य कोई भी शिकायत के बारे में पोर्टल पर महीने में केवल 10 बार ही शिकायत दर्ज करा सकेंगे. जबकि पहले लोग 50 बार शिकायतें दर्ज करा सकते थे. बताया जा रहा है कि कई बार पोर्टल पर जो शिकायतें दर्ज कराई जाती थी, वह गलत भी होती थी और कई बार तो पोर्टल पर तमाम फर्जी शिकायतों का अम्बार भी लग जाता था, जिससे जो वाकई पीड़ित होता था, उसकी शिकायत भी प्रभावित होती थी.लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस नई व्यवस्था के तहत शिकायतों का निस्तारण तय समय में हो सकेगा और गलत जानकारी देने पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. बता दें कि ये संशोधन अयोध्या, कानपुर नगर और पीलीभीत सहित कई अन्य जनपदों से प्राप्त फीडबैक और तमाम विचार-विमर्श के बाद लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 10 मानकों के आधार पर यूपी के अधिकारियों की भी मासिक रैंकिंग की जाती है. इसमें भी कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं. जानकारी सामने आ रही है कि, इसके अंतर्गत मासिक मूल्यांकन प्रपत्र के मानक संख्या-01 में विगत छह माह के मासिक औसत के सापेक्ष मासिक शिकायत प्राप्ति के प्रतिशत के आधार पर अंक दिए जाने की व्यवस्था को पूर्णत: हटा दिया गया है. डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी ऑफिस में संदर्भ फीडिंग के लिए मासिक लक्ष्य पहले से घोषित रहेंगे.
वहीं एल-1 अधिकारी द्वारा शिकायत को फ्लैग लगाकर स्पेशल क्लोज करने की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. अब एल-1 अधिकारी द्वारा निषेधित विषयों पर फ्लैग चयनित कर आख्या अपलोड करने पर यह अनुमोदन के लिए एल-2 अधिकारियों को प्राप्त होगी. डाटा के अनुसार पिछले छह माह में करीब छह लाख संदर्भों में एल-1 अधिकारियों द्वारा निषेधित विषयों के फ्लैग लगाए गए हैं. इसी के साथ अधिकारियों की रैंकिंग में प्रोफाइल सत्यापन का नया मानक जोड़ा गया है. जनपद एवं अधीनस्थ स्तरों के अधिकारियों का प्रोफाइल विवरण डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी ऑफिस द्वारा प्रत्येक माह आवश्यक्तानुसार संशोधित या सत्यापित किया जाएगा. तो वहीं रैंकिंग के लिए डिफाल्ट संदर्भों के आगणन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है. वर्तमान व्यवस्था में माह के अंतिम दिन अवशेष डिफॉल्टर की संख्या के आधार पर डिफॉल्टर के मानक में अंक प्रदान किए जाते हैं. नवीन व्यवस्था में माह में किसी भी तिथि में डिफॉल्ट हुई शिकायत को डिफॉल्टर मानकर मूल्यांकन में गणना की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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