Pratapgarh: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है. यहां एक 18 साल के लड़के ने पथरी का ऑपरेशन कराया और उसके बाद उसके पेट में दर्द शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि पेट में दर्द को लेकर लड़के का काफी समय तक इलाजा चला लेकिन ठीक न होने पर डाक्टरों ने अल्ट्रासाउंड किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि लड़के की एक किडनी गायब थी. इस पर परिजनों ने जहां पर पथरी का इलाज कराया था, उन डाक्टरों पर किडनी निकाल लेने का आरोप लगाया और न्याय के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं तो वहीं डॉक्टरों का कहना है कि ये सारे आरोप गलत हैं.
मामला प्रतापगढ़ लालगंज कोतवाली इलाके के देवापुर चौखड़ से सामने आया है. यहां पर महिला ने शहर में स्थित एक नर्सिंग होम में अपने बेटे का पथरी का ऑपरेशन करवाने के बहाने किडनी निकाल लेने का आरोप लगाया है. महिला का नाम संगीता वर्मा है. संगीता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने 18 वर्षीय बेटे सचिन की पथरी का इलाज साल भर पहले कराया था. संगीता ने बताया कि, बेटे के पेट में दर्द होने की वजह से स्थानीय डॉक्टरों ने पहले इलाज किया और फिर जब दर्द बंद नहीं हुआ तो अल्ट्रासाउंड कराया. लालगंज कस्बे में स्थित मनोज अल्ट्रासाउंड में उन्होंने अपने बेटे की 22 अप्रैल को जांच कराई. इस जांच में दोनों किडनी सामान्य बताई गई और 8.6mm का स्टोन दिखाई दिया.
संगीता ने बताया कि रिपोर्ट में पथरी निकलने के बाद 17 अगस्त को उन्होंने अपने बेटे सचिन को नर्सिग होम में भर्ती करा दिया. जहां ऑपरेशन के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. संगीता ने बताया कि वह बेटे को लेकर घर आ गई और इस दौरान इलाज जारी रहा व महीने भर बाद दवा खाने के बाद भी उसके पेट में दर्द बंद नहीं हुआ. इस पर एक दूसरे डॉक्टर ए.के. मिश्र को दिखाया. इस पर डॉ. मिश्र ने अल्ट्रासाउंड की सलाह दी तो उन्होंने अपने बेटे का फिर से अल्ट्रासाउंड कराया. 3 अगस्त 23 को समर्थ अल्ट्रासाउंड में जांच कराई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. क्योंकि नए वाले अल्ट्रासाउंड में बताया गया कि दाहिनी किडनी नहीं है. इसके बाद वह फूट-फूट कर रोने लगी और भरोसा न होने पर 21 अगस्त को प्रताप बहादुर मेडिकल कालेज व 22 अगस्त को कुमुद अल्ट्रासाउंड में भी जांच कराई तो वहां भी दोनों जांच रिपोर्ट में राइट किडनी नॉट विसुअलाइस्ड की रिपोर्ट सामने आई.
संगीता ने बताया कि इस जानकारी के बाद से पूरा परिवार हताश और निराश हो गया और न्याय के लिये भटक रहा है. संगीता ने बताया कि जहां पथरी का ऑपरेशन हुआ था, वहां पर डाक्टरों से कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया इस पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में महिला बेटे के साथ पहुची है और न्याय की गुहार लगाई है. वहीं किडनी गायब होने के आरोपों के बाद अक्षत नर्सिगहोम के संचालक डॉ. एसी त्रिपाठी जो कि सर्जन है उन्होंने किडनी गायब होने की बात को सिरे से नकार दिया है और सारे आरोप पूरी तरह से गलत बताए हैं.
अक्षत नर्सिगहोम के संचालक डॉ. एसी त्रिपाठी ने बताया कि, सचिन की पथरी का ऑपरेशन उनके अस्पताल में किया गया था. इसी के साथ ये भी दावा किया कि, उसकी पहले भी गुजरात के अहमदाबाद में CT IVP जांच हुई थी जिसमें साफ साफ रिपोर्ट है कि गुर्दा पेपर की तरह पतला हो गया था. उन्होंने बताया कि, ऑपरेशन के बाद वह कोलैप्स कर गया होगा और इसी के चलते अल्ट्रासाउंड में वह नजर नहीं आ रहा होगा. बता दें कि अपने दावे के समर्थन में एसी त्रिपाठी ने गुजरात के अहमदाबाद की सान्या डाइग्नोस्टिक की 7 अगस्त 22 की रिपोर्ट और सहयोग इमेजिन सेंटर की 10 अगस्त 22 जांच रिपोर्ट भी मीडिया के सामने प्रस्तुत की है.
इस पूरे मामले को लेकर जब सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि जिले में किडनी ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा नहीं है. इसी के साथ मानव अंगो की तस्करी को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, अभी तक मेरे पास इस घटना की कोई शिकायत नहीं आई है. अगर कोई शिकायत करता है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं सचिन की मां का कहना है कि वह सरकारी अधिकारियों के साथ ही पुलिस अधिकारियों के भी चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनको अभी तक न्याय नहीं मिला. इस घटना के बाद उनका पूरा परिवार टूट गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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