UP Politics: लोकसभा चुनाव-2024 से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार कई बड़े फैसले लेकर अन्य राजनीतिक दलों को चौंका रही हैं. इसी क्रम में उन्होंने एक ट्वीट कर मीडिया से अपील की है कि “नो फेक न्यूज प्लीज”. उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव 2024 में वह किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन के धागे में नहीं बधेंगी और अकेल ही चुनावी मैदान में उतरेंगी.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, “एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टिया हैं, जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.”
उन्होंने मीडिया से अपील की है कि, “नो फेक न्यूज प्लीज़.” मायावती ने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि आगामी चार राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बसपा किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी.
बता दें कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में बैठक हो रही है, इसमें मायावती के शामिल होने के चर्चे खूब हो रहे थे, लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रही हैं.
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एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने आने वाले चुनावों को लेकर कहा है कि, बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी. इसी के साथ फिर से मीडिया से बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाने की अपील की है.
साथ ही गठबंधन को लेकर तंज कसा है और कहा है कि, बीएसपी से गठबंधन के लिए यहाँ सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. साथ ही उन्होंने गठबंधन करने वाले विपक्षियों पर निशाना साधा है और कहा है कि,” इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.
अपने एक अगले ट्वीट में मायावती ने इमरान मसूद का बिना नाम लिए ही निशाना साधा है और कहा है कि, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे? बता दें कि कल ही बसपा ने इमरान मसूद को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर कर दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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