Farrukhabad: पिता की आंखों में पल रहे सपने को अगर बेटा पूरा कर देता है तो एक पिता के लिए इससे बड़ी कोई और बात नहीं होती. उनका जीवन सफल हो जाता है. कुछ ऐसा ही किया है फर्रुखाबाद के युवा वैज्ञानिक शिवि पटेल ने. उन्होंने वैज्ञानिक बनकर अपने पिता का सपना तो पूरा किया ही है. साथ ही भावी पीढ़ियों को नई राह भी दिखाई है और ये भी संदेश दिया है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है. अगर जीवन में कुछ कर गुजरने की चाह है तो हर मुश्किल पार हो ही जाती है.
बता दें कि शिवि पटेल फर्रुखाबाद की आवास विकास कॉलोनी निवासी डॉक्टर श्यामलाल निर्मोही और शिक्षिका सुधा सिंह के बेटे हैं. वह बचपन से ही नई चीज की खोज करते रहते थे. उनकी इसी आदत को देखते हुए उनके पिता हमेशा से शिवि को वैज्ञानिक बना हुआ देखना चाहते थे. यही वजह रही कि शिवि ने पटना IIT से बीटेक और एम टेक किया और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) में वैज्ञानिक बनकर जिले का नाम रोशन किया है. उन्होंने चंद्रयान -3 प्रोजेक्ट में शामिल होकर अहम भूमिका निभाई. उनकी इस सफलता ने फर्रुखाबाद का नाम और भी रोशन कर दिया. इस मौके पर शिवि के घर में खूब खुशियां मनाई गई. इस सम्बंध में भाई सपनेश पटेल ने बताया कि उनके भाई का बचपन से ही नई चीज बनाने का सपना था जिस प्रकार से बचपन में वह पढ़ाई करते थे उनके अच्छे नम्बर आते थे. पिता डॉक्टर श्याम लाल निर्मोही का सपना था की उनका बेटा वैज्ञानिक बने और आज शिवि ने पिता का सपना पूरा कर दिया है औऱ इसरो में कार्य कर रहा है. जबकि पिता आज जीवित नहीं हैं,लेकिन शिवि ने जो काम किया है वह फर्रुखाबाद के युवाओं के लिए नजीर बन गया है. शिवि ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाई है जो चंद्रयान 3 में काम आई इससे उन्होंने जिले का नाम रोशन कर दिया है.
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सपनेश ने बताया कि शिवि का चयन वर्ष 2016 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में हुआ था. सपनेश ने बताया कि शिवि शुरू से ही बहुत ही मेधावी रहे हैं. विज्ञान और गणित में उनकी अच्छी पकड़ रही और यही वजह थी कि हमेशा स्कूल में उनके नम्बर अच्छे ही आते थे. शिशु मंदिर सेनापति में और विद्या मंदिर में पढ़ाई करने के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई शिवि पटेल ने राजकीय इंटर कॉलेज नई बस्ती से की थी. वहीं हाई स्कूल और इंटर में शिवि के गणित में 99 फीसदी अंक आएं थे. साधारण स्कूल में पढ़ने के बावजूद शिवि की हिंदी और अंग्रेजी विषय में अच्छी पकड़ थी. सपनेश ने शिवि के बारे में आगे बताया कि आईआईटी पटना से बीटेक और एमटेक करने के बाद शिवि पटेल ने को चार और कंपनियों के ऑफर मिले लेकिन शिवि ने इसरो को ही चुना औऱ फिर चयन के लिए बहुत मेहनत की और शिवि को सफलता भी मिली.
-भारत एक्सप्रेस
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