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पार्टी का नाम और सिंबल छिनने पर बोले उद्धव- चोरी हजम नहीं होगी, शिंदे का जवाब- 50 MLAs, 13 सांसद, लाखों कार्यकर्ता चोर हैं क्या?

Shiv Sena: चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘शिवसेना’ नाम और पार्टी का प्रतीक ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा. शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद पार्टी के सिंबल और नाम पर दोनों गुटों ने दावा ठोका था लेकिन जीत शिंदे गुट की हुई है. वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. ईसी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में प्रजातंत्र नहीं रहा. उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है…सभी उनके गुलाम हैं. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “आप कहते हैं कि कांग्रेस ने भी देश में सरकार गिराई थी, इसलिए तो आपको लाया था अब आप भी यही कर रहे हैं. इंदिरा गांधी में इमरजेंसी लगाने की हिम्मत थी, आपमें हिम्मत नहीं है. हम फैसले को चुनौती देंगे. सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है.

उद्धव ने कहा- जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

ठाकरे ने कहा कि वे चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा, “हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.” उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है.

ये भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, छिन गया ‘शिवसेना’ नाम और ‘तीर-कमान’, चुनाव आयोग में शिंदे गुट की बड़ी जीत

पार्टी की चोरी वाले बयान पर शिंदे का पलटवार

उद्धव ठाकरे ने कहा कि राम के पास भी धनुष-बाण था और रावण के पास भी, लेकिन जीत राम की हुई. उन्होंने कहा कि पार्टी की चोरी शिंदे को हजम नहीं होगी और सुप्रीम कोर्ट में जीत हमारी होगी. वहीं उद्धव ठाकरे के चोर वाले बयान पर महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे ने कहा, “50 विधायक, 13 सांसद, लाखों कार्यकर्ता चोर हैं क्या? पहले आप (उद्धव ठाकरे) आत्मचिंतन करो कि ये नौबत क्यों आई है? क्योंकि आपने 2019 में बाला साहब ठाकरे के विचारों को बेच दिया और धनुष बाण को गिरवी रखा था, इसे हमने छुड़ाया है.”

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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