New Hit And Run Law: नए साल की शुरुआत होते ही, उत्तर प्रदेश समेत देश भर में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ जमकर विरोध शुरू हो गया है. एक जनवरी से ही इस कानून के खिलाफ बस-ट्रक से जुड़े कई संगठन सड़क पर उतर आए हैं और कई जिलों में 2 जनवरी को भी चक्का जाम है. बसों-ट्रकों की हड़ताल होने के कारण लोग परेशान हैं. इसी बीच ललितपुर में सवारी न मिलने पर गर्भवती ने बस स्टैंड पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस कड़ाके की ठंड में लोग अपने गंतव्य तक जाने के लिए परेशान दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि, हिट एंड रन के नए कानून के तहत केंद्र सरकार ने 7 लाख जुर्माना एवं 10 साल की सजा का प्रावधान लागू किया है, जिसका विरोध लगातार जारी है.
बता दें कि सोमवार से शुरू हुआ हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. इसमें प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी महकमें की बसें भी शामिल रही. ज्यादातर राज्यों के हाईवेज पर न सिर्फ ट्रक और प्राइवेट बस खड़ी हो गई. इस बीच नोएडा से लेकर बरेली तक विरोध प्रदर्शन जारी है. केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में निजी बसों के संचालकों की तीन दिवसीय हड़ताल का ग्रेटर नोएडा में व्यापक असर दिखाई दिया है. हड़ताल से लंबी दूरी के यात्री सबसे ज्यादा परेशान रहे. ठिठुरन भरी ठंड में लोग घंटों बस का इंतजार करते दिखे. बाराबंकी जिले में सोमवार को कई जगह ट्रक व अन्य वाहनों के चालकों ने सड़क पर प्रदर्शन किया और रास्ते में ही गाड़ियां खड़ी कर दी. इस कारण से बाराबंकी बहराइच हाईवे आधा घंटे बाधित रहा. तो वहीं पुलिस ने 12 चालकों पर पाबंदी की कार्रवाई की है. तो वहीं सोमवार को आगरा-दिल्ली हाईवे की दोनों लेन पर भी जान लगा रहा. करीब पांच घंटे तक भीषण जाम में फंसे निजी वाहनों में सवार लोग कराह उठे.
महिलाएं और बच्चे बिलख उठे. पीने के पानी से लेकर लोग शौच के लिए परेशान दिखाई दिए. आगरा से दिल्ली की तरफ टाउनशिप से लेकर करीब 10 किलोमीटर तक हजारों वाहनों की कतार लगी रही. इस तरह से नए कानून के विरोध में लखीमपुर व गोला डिपो, प्राइवेट व टूरिस्ट बसों को मिलाकर करीब 900 बसों के पहिए थमे रहे. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इनमें लखीमपुर व गोला डिपो की बसों की संख्या 202 रही. तो वहीं बरेली-शाहजहांपुर हाईवे सहित जिले में कई जगह पर वाहन चालकों ने जाम लगा दिया. तो वहीं मुजफ्फरनगर में ट्रक, रोडवेज, प्राइवेट बसों समेत करीब छह हजार वाहनों के पहिए थम गए. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट, परिवहन निगम और प्राइवेट बसों को हड़ताल से करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ है. तो वहीं ट्रक और बस व प्राइवेट वाहनों के चालकों ने सड़क पर जा रहे टेंपो, ई-रिक्शा रोककर यात्रियों को उतार दिया. इसी तरह गाजीपुर में कानून का विरोध किया गया. बता दें कि मंगलवार को भी हड़ताल जारी है और बुधवार को भी हड़ताल जारी रहेगी.
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भारत सरकार द्वारा बनाए गए हिट एंड रन के नए कानून का विरोध जहां पर देश भर में चल रहा है वही ललितपुर जिले के बस स्टैंड पर घर जाने के लिए सवारी का इंतजार कर रही गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया. महिला इंदौर से मजदूरी कर अपने घर सतरवांस जाने के लिए किसी साधन का इंतजार कर रही थी कि तभी अचानक महिला के पेट में दर्द हुआ और उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया. इस पर वहां मौजूद लोगों ने एंबुलेंस को सूचना दी. इस पर मौके पर पहुंची एंबुलेंस से दोनों जच्चा बच्चा को महिला चिकित्सालय ले जाया गया.
बता दें कि हड़ताल के कारण लगे जाम में आम जनता से लेकर मरीज तक परेशान रहे. यूपी के बस्ती जिले में हाईवे एवं विभिन्न मार्गों पर मरीजों को लेकर जा रही 8 एंबुलेंस घंटों फंसी रही. तो वहीं आंदोलनकारी पूरी तरह से संवेदनहीन होकर एंबुलेंस को जाम से निकालने में किसी तरह की कोई मदद नहीं की. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी पुलिस उच्चाधिकारियों को लोकेशन के साथ दी. पुलिस के हरकत में आमने के बाद एंबुलेंस को जाम से निकाला जा सका. इस दौरान मरीज और उनके परिजन काफी परेशान रहे. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा, गोरखपुर, झांसी समेत कई इलाकों में लोग सवारी न मिलने के कारण घंटों परेशान रहे.
शामली आईआईए के चेयरमैन आशीष जैन ने मीडिया को जानकारी दी कि, हड़ताल से शामली से हरियाणा- पंजाब, उत्तराखंड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलो के बागपत- शामली, सहारनपुर में 750 ट्रक हड़ताल में फंसे रहे, जिससे करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है. दूध, सब्जी और फल की आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ा है. सब्जी आढ़ती बाबूराम सैनी ने मीडिया को जानकारी दी कि, सोमवार की सुबह दिल्ली से फल- सब्जी कम संख्या में आ सकी है. उन्होंने ये भी बताया कि, मंगलवार को ट्रक और टेंपो चालकों की हड़ताल से दिल्ली और दूसरे राज्यों से फल सब्जी नहीं आ सकेगी. माना जा रहा है कि इस वजह से फलों और सब्जियों के दाम भी बढ़ने के आसार जताए जा रहे हैं.
सहारनपुर मंडल के कार्यवाहक आरएम का कार्यभार देख रहे गौरव पांडे ने मीडिया को जानकारी दी है कि, शामली में 42 अनुबंधित बस मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इन बस मालिकों ने बसों का संचालन बंद करने से पहले प्रार्थनापत्र दाखिल नहीं किए थे.
बता दें कि हिट एंड रन कानून को नई बनी भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 104 में समाहित किया गया है. इसके अनुसार यदि गलत ड्राइविंग या फिर लापरवाही के चलते यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो फिर वाहन चालक को अधिकतम 10 वर्ष की सजा होगी और 7 लाख का जुर्माना भी लगेगा. सेक्शन 104 (A) में इसका जिक्र किया गया है. इसी नए कानून को लेकर ही ये विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अभी तक जिस हिट एंड रन के मामले में ड्राइवर को थाने से जमानत हो जाती थी और मात्र 2 साल की सजा का प्रावधान था. अब उसी में वाहन चालक को अधिकतम 7 साल की सजा के साथ ही 10 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान कर दिया गया है.
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