क्या तूफान से पहले सच में होती जाती है शांति? जानें इसके पीछे क्या है साइंस
By निहारिका गुप्ता
Bharat Express Journalist Yana Mir: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की एंकर याना मीर यूनाइटेड किंगडम गईं. वहां उन्होंने ब्रिटिश संसद में कश्मीर में हुए सुधारों के बारे में बताया. साथ ही पाकिस्तान को जमकर धोया. भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने वाले पाकिस्तानियों को आड़े हाथों लेते हुए सीनियर एंकर याना मीर बोलीं कि “मैं अपने देश भारत में एकदम महफूज हूं. मैं पूरी तरह आजाद हूं. मैं कोई मलाला नहीं हूं..”
बता दें कि याना मीर मूलत: जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हैं. वह भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की सीनियर एंकर के रूप में सेवाएं दे रही हैं. वह कश्मीर में सामाजिक उन्मूलन और जागरुकता के कार्यों में सक्रिय रही हैं. इसके अलावा वह पहली महिला कश्मीरी यूट्यूब व्लॉगर भी हैं, जो कि राजनीति पर रिपोर्ट करती हैं.
याना मीर ने ब्रिटिश संसद में मलाला यूसुफजई का नाम लिया, मलाला पाकिस्तान की वो युवती है..जिसे पाकिस्तान में महिला शिक्षा पर प्रतिबंधों का विरोध करने पर 2012 में तालिबान के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गोली मारी थी. जिसके बाद मलाला की मुश्किल से जान बच पाई थी. मलाला का हुलिया बिगड़ गया था. तब पश्चिमी देशों में लोग उसके प्रति सुहानुभूति प्रकट कर रहे थे. हालांकि, अपने मुल्क पाकिस्तान में ही घातक हमले की शिकार होने के बाद भी मलाला की सोच में ज्यादा परिवर्तन नहीं आया. वह कई दफा भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर पर नकारात्मक टिप्पणियां कर चुकी है. जिसे अब कश्मीर की ही बेटी याना मीर ने तगड़ा जवाब दिया है.
लंदन में ब्रिटिश संसद द्वारा आयोजित ‘संकल्प दिवस’ में पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई से तुलना करने पर याना मीर ने अपने बयान में कहा, “मैं मलाला नहीं हूं. मैं कभी भी मलाला युसुफजई नहीं बनूंगी, क्योंकि मैं अपने देश…अपनी मातृभूमि में पूरी तरह महफूज और आजाद हूं. माननीय सांसदों…मुझे कभी अपनी मातृभूमि से भागकर आपके देश में शरण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मगर, मुझे मलाला युसुफजई द्वारा मेरे देश, मेरी प्रगतिशील मातृभूमि को उत्पीड़ित बताकर बदनाम करने पर आपत्ति है.”
याना मीर बोलीं— “इस साल संकल्प दिवस पर, मुझे बस यही उम्मीद है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में रहने वाले हमारे पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय मीडिया या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश को बदनाम करना बंद कर देंगे. आतंकवाद के कारण हजारों कश्मीरी माताएं पहले ही अपने बेटों को खो चुकी हैं. हमारे पीछे न पड़ें..मुझे और मेरे कश्मीर-वासियों को शांति से रहने दें.”
अंत में उन्होंने आगे कहा— थैंक्यू…जय हिंद.’
याना मीर का जन्म कश्मीर के अनंतनाग जिले में 12 अप्रैल 1995 को हुआ था. वह कश्मीर की वादियों में ही पली बढ़ीं. उनके दादा जम्मू-कश्मीर पुलिस में नौकरी करते थे. वहीं, उनके चाचा गांव के सरपंच थे, एक हमले में आतंकियों ने उनके चाचा की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी थी. उच्च शिक्षा के लिए याना मीर दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचीं और फिर मुंबई का रूख किया. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था. वह द रियल कश्मीर न्यूज़ की एडिटर और ऑल जेके यूथ सोसाइटी की उपाध्यक्ष भी रही हैं.
फोटो— कश्मीरी परिधान में याना मीर।
याना के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कश्मीर का पहला फैशन शो भी आयोजित किया. ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी पैड और जरूरतमंदों के लिए अन्य सामान वितरित किया. उन्होंने TEDx इवेंट्स में भी स्पीच दी है. यूके पार्लियामेंट में स्पीच देने पर उन्हें डायवर्सिटी एंबेसडर अवार्ड से सम्मानित किया गया.
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