UP News: अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने इस बार यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर ही विवादित बयान दे डाला है. दूसरी ओर खून से लिखा पत्र मुख्यमंत्री को देने जा रहे थे कि उनको पुलिस ने रोक लिया. इस पर वह पुलिस पर जमकर बरसे और पुलिस को जमकर खरी-खोटी सुनाई. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह मुख्यमंत्री को लेकर बयान देते नजर आ रहे हैं.
मेरठ के दीपक त्यागी की बरसी पर जाने से रोके जाने के बाद ही शिवशक्ति धाम डासना को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया था और गाजियाबाद स्थित डासना के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को पुलिस ने नजरबंद कर दिया था. दरअसल, मेरठ के दीपक त्यागी हत्याकांड के एक साल होने पर परिजन यति नरसिंहानंद महाराज से मिलने गाजियाबाद पहुंचे थे और पुण्यतिथि पर पीड़ित परिवार ने शांति यज्ञ रखा था. इसी के साथ ही परिजनों ने शांति यज्ञ में देशभर के साधु-संतों और हिंदुओं से भाग लेने की अपील की थी. परिजन चाहते थे कि इस यज्ञ में यति नरसिंहानंद महाराज शामिल हों. लेकिन पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया. इसी के बाद यति नरसिंहानंद गिरी ने अपने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था और इसे देने के लिए गुरुवार को जा रहे थे कि उनको पुलिस ने रोक लिया.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि यति नरसिंहानंद गिरी महाराज को पुलिस रोक रही है. इसके बाद यति नरसिंहनंद कहते दिखाई दे रहे हैं कि हमने मुलायम सिंह यादव का समय देखा, कभी नहीं रूके पुलिस से, फिर हमने मायावती का समय देखा, फिर भी नहीं रुके. ये पूरा इलाका जानता है और फिर हमने अखिलेश यादव का समय देखा, लेकिन आज वहां पर हमारा ही आदमी मुख्यमंत्री बनकर बैठा है और आप हमें ही कुचल रहे हो. आखिर क्यों वह आपकी बात सुन रहे हैं और हमारी बात नहीं सुन रहे हैं.
यति नरसिंहानंद ने कहा, “योगी रावण से बड़ा नहीं है. कभी योगी को लगता हो कि सत्ता बड़ी है. मैं तो मर जाऊंगा आज नहीं तो कल. सत्ता कभी किसी की नहीं रहने वाली है.”
यति नरसिंहानंद ने अपने शिष्यों का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि, उनके शिष्य यति निर्भयानंद, यति रणसिंहानंद, यति असीमानंद और यति सत्यानंद को जबरदस्ती रोककर पुलिस ने जेल में डालने की धमकी दी है. इसी के साथ ही पुलिस अधिकारियों ने शिवशक्ति धाम को बुलडोजर चलाकर उजाड़ने के लिए भी कहा है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि, पुलिस अधिकारियों ने उनको आशाराम बापू और राम रहीम बनाने की धमकी दी है.
इस पूरे मामले को लेकर डीसीपी ग्रामीण विवेक यादव ने मीडिया को जानकारी दी कि उनको नजरबंद नहीं किया गया था सुरक्षा की दृष्टि से उनको रोका गया था. इसी के साथ उन्होंने बताया कि, उनके शिष्य पैदल यात्रा की अनुमति मांग रहे थे इसलिए उनको रोका जा रहा था. हालांकि शाम को अनुमति दे दी गई थी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि, विवादित टिप्पणी के मामले में विडियो का संज्ञान लेकर जांच की जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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