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सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा, मनीष सिसोदिया समेत इन नेताओं ने किया स्वागत, देखें वीडियो

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल आज रिहा हो गए. तिहाड़ जेल से निकलते ही पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पंजाब के सीएम भगवंत मान, मंत्री आतिशी के अलावा सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.

शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल 177 दिनों के बाद जेल से बाहर आए हैं. 5 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्वल भुइयां ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए जमानत दी. जिसके बाद कोर्ट का ऑर्डर जैसे ही तिहाड़ जेल पहुंचा तो, सीएम केजरीवाल को तिहाड़ से रिहा कर दिया गया.

जेल से निकलने के बाद क्या बोले सीएम?

दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है. बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया. ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया, क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया. इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया. इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे, तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे. आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कमजोर नहीं कर सकती.

उन्होंने कहा , ”मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं, जो विकास देश के विकास को रोक रही हैं, जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी ऐसे ही लड़ता रहूंगा.”

शर्तों के साथ SC ने दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के साथ कुछ शर्तों को पालन करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्हें मामले की मेरिट पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आदेश भी दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते हैं, इसके अलावा वो सरकारी फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो.

वह दिल्ली शराब से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. साथ ही किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे. बता दें कि कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कोर्ट ने उन्हें 10 मई को जमानत दी थी. हालांकि 2 जून को उन्हें फिर से सरेंडर करना पड़ा था.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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