देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अहम याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने OTT और सोशल मीडिया पर बिना सेंसर के फैल रहे गंदे कंटेंट को रोकने की मांग की है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को करेगा.
याचिका में कहा गया है कि ऐसे कंटेंट का बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. समाज में विकृति और अपराध की प्रवृत्ति को भी इससे बल मिल सकता है. याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि जब तक कोई ठोस और सख्त कानून नहीं बनता, तब तक एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाए जो OTT और सोशल मीडिया पर अपलोड होने वाले कंटेंट की निगरानी करे. साथ ही, एक व्यापक अध्ययन करवाकर यह भी जांचा जाए कि अश्लीलता का समाज पर क्या असर हो रहा है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को लेकर नियंत्रण की सख्त ज़रूरत है, क्योंकि यह माध्यम बच्चों के लिए अब अनफिल्टर्ड और अनसुरक्षित बन चुका है. इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है.
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