लाइफस्टाइल

Digital Dementia: आखिर क्या है डिजिटल डिमेंशिया, जो दिमाग को बना रहा खोखला, एक्सपर्ट से जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Digital Dementia: आज के दौर में लोग ज्यादातर समय स्क्रीन पर बीत रहा है. फोन, लैपटॉप जैसे गैजेट्स हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुके हैं. ऐसा कह सकते हैं कि हम इन पर काफी हद तक ‘निर्भर’ हो चुके हैं. अपने अक्सर ये महसूस किया होगा कि सब कुछ मिनट के लिए आप अपने मोबाइल से अलग होते हैं तो, आपको अजीब-सी बेचैनी महसूस होने लगती है. हाथों में स्मार्ट फोन लेकर घंटों-घंटों स्क्रॉल करते रहने की आदत ना केवल लोगों के मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुतज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. अब तक हम यही मानते थे कि इनके कारण मोटापा, आंखें खराब होना, एंग्जायटी जैसी परेशानियां ही होती हैं. लेकिन इन दिनों इससे जुड़ी एक नई समस्या सामने आ रही है, जिसे “डिजिटल डिमेंशिया” (Digital Dementia) कहा जाता है. आइए जानते हैं यह बीमारी कितनी खतरनाक है…

क्या है Digital Dementia

रिपोर्ट्स के मुताबिक डिजिटल डिमेंशिया शब्द न्यूरोसाइंसटिस्ट का दिया हुआ हालिया शब्द है. सीधे शब्दों में कहें तो डिजिटल डिमेंशिया आपके दिमाग की बौद्धिक क्षमता को खोखला कर रहा है. मेडिकल भाषा में डिमेंशिया भूलने वाली बीमारी को कहते हैं. आमतौर पर डिमेंशिया बुजुर्गों को होने वाली बीमारी है जिसमें व्यक्ति को भूलने की ऐसी बीमारी होती है कि खुद का नाम भी याद नहीं रहता.

क्या है डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण

  • भूलने की बीमारी
  • बातों को लंबे समय तक याद न रख पाना
  • फोकस बनाने में मुश्किल
  • एक वक्त पर कई सारी चीजें करने की कोशिश करना
  • चीजों को गलत तरीके से करना

डिजिटल डिमेंशिया के कारण क्या हैं?

  • ज्यादा स्क्रीन टाइम- लंबे समय तक कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टीवी आदि का इस्तेमाल करना.
  • मल्टी-टास्किंग- एक ही समय में कई काम करने की कोशिश करना.
  • नींद की कमी- भरपूर नींद न लेना या बार-बार नींद का टूटना.
  • तनाव और चिंता- मेंटल प्रेशर के कारण संज्ञानात्मक क्षमता प्रभावित हो सकती है.

ये भी पढ़ें: Monkeypox Virus: बिना इलाज के कितना खतरनाक M-pox? क्या है इसके मौजूदा लक्षण, जानें एक्सपर्ट से

डिजिटल डिमेंशिया से बचाव के तरीके

  • घर के बड़े हों या फिर बच्चे डिजिटल डिमेंशिया से बचाव के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है स्क्रीन टाइम को कम करना.
  • एक्सपर्ट का कहना है कि वर्किंग लोगों को भी स्क्रीन टाइम कम करने की जरूरत है, ताकि काम में प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सके.
  • स्किन टाइम को सीमित करने की कोशिश करें. इसके लिए काम के बीच 10 से 15 मिनट का ब्रेक लें.
  • ब्रेक के दौरान सिर्फ लैपटॉप ही नहीं बल्कि मोबाइल की स्क्रिन को भी न देखें.
  • छुट्टी के दिन जो लोग घर पर होते हैं वह किताबों पर फोकस करें. किताबें पढ़ने से माइंड डिस्टर्ब नहीं होता है और फोकस बढ़ाने में मदद मिलती है.
  • डिजिटल गैजेट्स पर निर्भर रहने की बजाय अपने दिमाग का प्रयोग करें. घर के सामान की लिस्ट मोबाइल की बजाय कॉपी और पेन पर लिखें.
  • नई चीजें सीखें, इसके लिए भाषा, डांस, म्यूजिक, कराटे या कुकिंग क्लास ज्वाइन की जा सकती हैं.
  • पजल्स गेम्स, पजल्स और नंबर गेम्स खिलाने की कोशिश करें. ऐसा करने से दिमाग का फोकस बढ़ता है.
  • एक्सपर्ट का कहना है कि एक बार फिजिकल गेम्स में दिलचस्पी आती है, तो फिर स्क्रीन वाले गेम्स बेकार लगने लगते हैं.

-भारत एक्सप्रेस 

निहारिका गुप्ता

Recent Posts

आपको भी डायबिटीज है? तो हो जाइए सावधान, क्योंकि इससे आपको हो सकती है डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारी

Diabetes and dementia Symptoms: डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी होती है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, भाषा,…

1 hour ago

Land For Job Scam Bihar: पहली बार तेज प्रताप यादव किए गए तलब, लालू यादव के इन करीबियों को भी नोटिस

Land For Job Scam: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 'नौकरी के बदले जमीन' से जुड़े मामले…

1 hour ago

Jammu Kashmir Election 2024: आज हो रही फर्स्‍ट फेज की वोटिंग, जानिए आखिर किन मुद्दों पर वोट कर रहे हैं लोग?

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनावों में…

2 hours ago

मोबाइल के जमाने में पेजर का इस्तेमाल आखिर क्यों कर रहे हिजबुल्लाह लड़ाके? समझिए..कैसे हुए लेबनान में धमाके

Lebanon Pager Blast : लेबनान में हुए सिलसिलेवार पेजर ब्लास्ट का मामला समझने से पहले…

3 hours ago

भारत और बांग्लादेश के टेस्ट इतिहास में किन बल्लेबाज और गेंदबाजों का रहा है सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन

बांग्लादेश भारत के खिलाफ एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाया है. हालांकि इस बार…

3 hours ago

‘हमारे यहां इजरायली हमलों में 34 हजार से ज्‍यादा लोगों की जानें गईं,’ गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री ने उजागर की मृतक फिलिस्तीनियों की पहचान

आज गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायली हमलों में मारे गए 34,344 फिलिस्तीनियों की पहचान…

3 hours ago