Digital Dementia: आज के दौर में लोग ज्यादातर समय स्क्रीन पर बीत रहा है. फोन, लैपटॉप जैसे गैजेट्स हमारी लाइफ का अहम हिस्सा बन चुके हैं. ऐसा कह सकते हैं कि हम इन पर काफी हद तक ‘निर्भर’ हो चुके हैं. अपने अक्सर ये महसूस किया होगा कि सब कुछ मिनट के लिए आप अपने मोबाइल से अलग होते हैं तो, आपको अजीब-सी बेचैनी महसूस होने लगती है. हाथों में स्मार्ट फोन लेकर घंटों-घंटों स्क्रॉल करते रहने की आदत ना केवल लोगों के मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुतज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. अब तक हम यही मानते थे कि इनके कारण मोटापा, आंखें खराब होना, एंग्जायटी जैसी परेशानियां ही होती हैं. लेकिन इन दिनों इससे जुड़ी एक नई समस्या सामने आ रही है, जिसे “डिजिटल डिमेंशिया” (Digital Dementia) कहा जाता है. आइए जानते हैं यह बीमारी कितनी खतरनाक है…
रिपोर्ट्स के मुताबिक डिजिटल डिमेंशिया शब्द न्यूरोसाइंसटिस्ट का दिया हुआ हालिया शब्द है. सीधे शब्दों में कहें तो डिजिटल डिमेंशिया आपके दिमाग की बौद्धिक क्षमता को खोखला कर रहा है. मेडिकल भाषा में डिमेंशिया भूलने वाली बीमारी को कहते हैं. आमतौर पर डिमेंशिया बुजुर्गों को होने वाली बीमारी है जिसमें व्यक्ति को भूलने की ऐसी बीमारी होती है कि खुद का नाम भी याद नहीं रहता.
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-भारत एक्सप्रेस
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