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Monkeypox Virus: बिना इलाज के कितना खतरनाक M-pox? क्या है इसके मौजूदा लक्षण, जानें एक्सपर्ट से

Monkeypox Virus In India: भारत में एमपॉक्स का पहला सामने आया है. अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसको लेकर आगे जानकारी दी है.

M-Pox Symptoms

M-Pox Symptoms

Monkeypox Virus In India: दुनिया अभी तक कोरोना वायरस महामारी से पूरी तरह खत्म नही हुई थी कि इसी बीच एक और नए वायरस ने दस्तक दी है इस नाम है मंकीपॉक्स. आपको बता दें एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है. यह एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है जो जानवरों और इंसानों दोनों में फैल सकता है. हालांकि यह एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न मिले, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

भारत में बढ़ा एमपॉक्स वायरस का खतरा

मंकीपॉक्स वायरस ने दुनिया के कई देशों तेजी से फैल रहा है. अब सरकार ने भारत में एमपॉक्स (Monkeypox) के एक मामले की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि यह एक अलग मामला है और यह उस स्ट्रेन से अलग है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.

दरअसल, एमपॉक्स (Mpox) के जिस संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखा गया था, उसमें इस वायरस की पुष्टि हो गई है. हालांकि, राहत की बात है कि वह एमपॉक्स के क्लेड-2 से पीड़ित है, जो 2022 में फैला था, न कि क्लेड-1 से, जो इस समय महामारी का रूप ले चुका है और अफ्रीकी देशों को काफी प्रभावित कर रहा है.

आइसोलेशन में रखा गया मरीज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संक्रमण प्रभावित देश की यात्रा से लौटे जिस युवक की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध के रूप में हुई थी, “प्रयोगशाला की जांच में उसमें एमपॉक्स के वेस्ट अफ्रीकन क्लेड-2 की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.”

मंत्रालय ने बताया कि जुलाई 2022 से क्लेड-2 संक्रमण का देश में यह 30वां मामला है और यह “(डब्ल्यूएचओ द्वारा रिपोर्ट किये गये) मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से जुड़ा हुआ नहीं है”. डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स के क्लेड-1 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया हुआ है. मंत्रालय ने अब भी यह नहीं बताया है कि मरीज कहां भर्ती है और किस राज्य से है. उसने बताया कि उसे फिलहाल एक टर्सियरी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. उसकी स्थिति स्थिर है.

जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा?

इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि एमपॉक्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. चूंकि, संक्रमण केवल यौन संबंध या किसी आंतरिक शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैल रहा है, इसलिए यह कोविड-19 जैसी बड़ी समस्या नहीं बनेगा. इसमें बुखार आता है और शरीर पर दाने निकलते हैं. यह बीमारी चार सप्ताह में अपने-आप ठीक हो जाती है. इस दौरान संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचने और उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये सामानों को छूने से परहेज करने की सलाह दी जाती है.

एमपॉक्स के लक्षण

एमपॉक्स के लक्षण आपके संपर्क में आने के 3 से 17 दिन बाद शुरू हो सकते हैं. जब आप संपर्क में आते हैं और जब आपको लक्षण दिखाई देते हैं, उसके बीच के समय को ऊष्मायन अवधि कहा जाता है. एमपॉक्स के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रहते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं: इसकी शुरुआत बुखार से होती है. इसके बाद फिर त्वचा पर लाल चकत्ते. लिम्फ नोड्स में सूजन.सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द, ठंड लगना, थकान शामिल है.

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बिना इलाज के कितना खतरनाक एमपॉक्स?

अगर एमपॉक्स का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं. यह संक्रमण न केवल त्वचा पर बल्कि शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे कि फेफड़ों, ब्रेन और हार्ट पर भी असर डाल सकता है. इसके अलावा अगर व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर हो, तो संक्रमण का प्रभाव और ज्यादा गंभीर हो सकता है.

-भारत एक्सप्रेस 

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