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शोध में हुआ खुलासा: पुरुष हर सिगरेट के साथ खोते हैं 17 मिनट, महिलाएं 22 मिनट

नई दिल्ली: तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान पर कई शोध किए गए हैं, लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी ने इस विषय पर और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं.  यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) द्वारा की गई एक शोध में पाया गया है कि तंबाकू सेवन, खासतौर पर सिगरेट, पुरुषों और महिलाओं की जिंदगी को बहुत ज्यादा संकुचित कर देती है.

यह शोध बताता है कि प्रत्येक सिगरेट के साथ पुरुष औसतन 17 मिनट अपनी जिंदगी के खो देते हैं, जबकि महिलाएं हर सिगरेट के साथ 22 मिनट की उम्र गवा देती हैं. इस अध्ययन ने एकबार फिर से सिगरेट के सेवन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को उजागर किया है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालते हैं.

शोध के प्रमुख

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह आंकड़े सिगरेट के धुएं में मौजूद 7,000 से अधिक रासायनिक तत्वों के कारण होते हैं, जिनमें से कई सीधे तौर पर कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों से जुड़े होते हैं. शोध में बताया गया है कि धूम्रपान से मौत का खतरा पुरुषों और महिलाओं दोनों में बढ़ जाता है, लेकिन महिलाओं के शरीर पर इसके प्रभाव कुछ ज्यादा खतरनाक होते हैं.

शोध की पृष्ठभूमि:

यह शोध यूसीएल के चिकित्सा और स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया है, जो तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में ज्यादा गहराई से समझ हासिल करना चाहते थे. उन्होंने सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा पर प्रभाव का अध्ययन किया. इस शोध में 10,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था, और उन्होंने पाया कि हर सिगरेट के साथ जीवन की अवधि में एक निश्चित कमी होती है.

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सिगरेट के सेवन से बढ़ते स्वास्थ्य जोखिम:

शोध के मुताबिक, सिगरेट के धुएं में मौजूद विषाक्त पदार्थों के कारण शरीर के अंगों को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है. हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और फेफड़ों की बीमारियाँ तंबाकू सेवन से होने वाली सामान्य बीमारियां हैं. इसके अतिरिक्त, धूम्रपान से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

विशेषज्ञों की राय:

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस शोध से प्राप्त आंकड़े हमें तंबाकू के सेवन के खतरों के बारे में और ज्यादा गंभीरता से सोचने पर मजबूर करते हैं. उनका कहना है कि इस तरह के शोध समाज में जागरूकता फैलाने और धूम्रपान छोड़ने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सिगरेट की लत को छोड़ने से न केवल व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा बढ़ती है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है.

यह अध्ययन न केवल धूम्रपान के स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करता है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारी छोटी-सी आदतें हमारे जीवन के मूल्य को प्रभावित करती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के अध्ययन से लोगों को तंबाकू सेवन की गंभीरता को समझने और इससे बचने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस 

मिताली चंदोला, एडिटर, क्राइम एंड इंवेस्टिगेशन

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