Dev Uthani Ekadashi 2024 Mistakes: कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को बहुत शुभ माना जाता है. इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है. कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत आज शाम 6 बजकर 46 मिनट से होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर होगी. इसके अलावा देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजकर 45 मिनट से 9 बजे के बीच किया जा सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं.
शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को भूल से भी चावल नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन चावल से बनी चीजों का सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए. जानकारों का कहना है कि देवउठनी एकादशी के दिन चावल खाने से मन शांत नहीं रहता है.
देवउठनी एकादशी के दिन नॉनवेज, लहसुन, प्याज इत्यादि का सेवन करने के बचना चाहिए. दरअसल ये तामसिक भोजन में आते हैं. अगर कोई इस दिन व्रत नहीं भी रखा है, तो भी उसे चाहिए कि वह सात्विक भोजन ही करें.
देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखने वालों को किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए. इसके अलावा न ही किसी के प्रति मन में द्वेष का भाव रखना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन किसी को अपशब्द बोलने और उससे लड़ाई करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं.
देवउठनी एकादशी के दिन घर-परिवार में बड़े-बुजुर्गों का अपमान ना करें. इस दिन बड़े-बुजुर्गों की सहायता करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
देवउठनी एकादशी के दिन भूल से भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता का शालीग्राम से विवाह होता है. पूजन में तुलसी का इस्तेमाल करने के लिए पहले ही उसकी व्यवस्था कर लेनी चाहिए.
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित करने से भी बचना चाहिए. इस संबंध में मान्यता है कि माता तुलसी उपवास रखती हैं.
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