Nag Panchami 2024 Diya Upay: सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग देवता को समर्पित माना गया है. परंपरा के अनुसार, दिन सर्पों की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करने से कालसर्प दोष और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल नाग पंचमी आज यानी 9 अगस्त को मनाई जा रही है. इस दिन कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय कारगर साबित होते हैं. आइए जानते हैं कि नाग पंचमी के किन किस तेल का दीया जलाने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी की पूजा के लिए शुभ समय सुबह 5 बजकर 46 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक है.
नाग पंचमी के दिन तिल-तेल के दीपक का विशेष महत्व है. चूंकि, तिल-तेल का संबंध पितरों से होता है. इसलिए, नाग पंचमी के दिन तिल के तेल का दीय जलाने से पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कहा जाता है कि पितरों तक भोजन पहुंचाने में तिल का खास महत्व है. इसके बिना पितरों के निमित्त किया गया कोई भी दान पूरा नहीं होता.
धार्म-शास्त्रों के अनुसार, तिल के बिना पितरों के निमित्त किया गया काम अधूरा होता है. इसलिए, पितरों की पूजा में तिल का प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि तिल से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं. पितृ देव की प्रसन्नता से कुंडली का पितृ दोष खत्म हो जाता है. अगर, कुंडली में पितृ दोष है तो नाग पंचमी के दिन तिल के तेल का दीया जरूर जलाएं.
नाग पंचमी के दिन तीन प्रकार के कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए. मान्यतानुसार, इस दिन जमीन की खुदाई करने से बचना चाहिए. इसके अलावा नाग पंचमी के दिन हल नहीं चलाना चाहिए. साथ ही साथ नाग पंचमी के दिन चूल्हे पर तवा और कढ़ाई चढ़ाने से बचना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है.
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