Shardiya Navratri 2022: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. मां कात्यायनी का स्वरूप चमकीला और तेजमयी है. इनकी चार भुजाएं हैं. दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है. वहीं नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां कात्यायनी बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार धारण करती हैं व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल धारण करती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, जो भी जातक देवी कात्यायनी की पूजा पूरी श्रद्धा से करता है, उसे परम पद की प्राप्ति होती है. तो यहां जानिए मां कात्यायनी की पूजा विधि, और प्रिय भोग के बारे में…
नवरात्रि के छठे दिन इस दिन प्रातः काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर मां का गंगाजल से आचमन करें. फिर देवी कात्यायनी का ध्यान करते हुए उनके समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित करें. रोली से मां का तिलक करें अक्षत अर्पित कर पूजन करें. इस दिन मां कात्यायानी को गुड़हल या लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए. अंत में मां कात्यायनी की आरती करें और क्षमायाचना करें.
इस दिन मां कात्यायनी को पूजन में शहद का भोग लगाना चाहिए. इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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