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Sawan Putrada Ekadashi 2023: इस दिन है सावन माह की अंतिम एकादशी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Sawan Putrada Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. एक साल में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. श्रावण मास का अंतिम एकादशी व्रत पुत्रदा एकादशी व्रत के रूप में रखा जाएगा, हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत पौष और श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है. सावन माह की इस एकादशी की महिमा धार्मिक ग्रंथों में भी बताई गई है. सावन की पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में चली आ रही परेशानियों से निजात मिलती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरे श्रद्धानुसार व्रत रखने का विधान है. भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं सावन होने के कारण भगवान शिव की कृपा भी मिलेगी. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के परिवार में सुख शांति बनी रहती है.

भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी का महत्व इतना है कि इस दिन पूजा पाठ और सच्चे मन से व्रत रखने वालों को अपार धन और संपत्ति की प्राप्त होती है.

पुत्रदा एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार अगस्त माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी का आरंभ 27 अगस्त को रात में 12 बजकर 08 मिनट से हो जाएगा और इस तिथि का समापन 27 अगस्त की रात में 09 बजकर 32 मिनट पर होगा. ऐसे में श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत 27 अगस्त 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा. इस एकादशी व्रत का पारण 28 अगस्त सुबह 05 बजकर 55 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट के बीच करना उत्तम है.

इस विधि से करें पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा

पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन की पूजा के लिए घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है. भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कते हुए पीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और दीप धूप से उनकी आरती करें. इसके बाद पुत्रदा एकादशी की कथा सुने.

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एकादशी के अगले दिन सुबह उठते हुए भगवान विष्णु को भोग लगाएं और ब्राम्हणों को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करें. इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने से घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वहीं भगवान विष्णु की कृपा से सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है.

Rohit Rai

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