आस्था

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की इस मुहूर्त में करें पूजा, जानें मां की कथा

Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. माता के माथेपर बने चंद्रमा के कारण ही उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है. शेरनी पर सवार मां चंद्रघंटा को देवी पार्वती का रौद्र रूप माना जाता है. मां चंद्रघंटा का मुख मंद मुस्कान से कान्तिवान, निर्मल, अलौकिक तथा चंद्रमा के बिम्ब प्रतीक सा उज्ज्वल है. ऐसा दिव्य स्वरूप देखकर भी महिषासुर ने देवी के अलौकिक स्वरूप पर प्रहार किया है. उनके प्रेम, स्नेह का रूप तब भयंकर ज्वालामुखी की भांति लाल होने लगा, यह क्षण आश्चर्य से भरा हुआ था. उनके इस रूप का दर्शन करते ही महिषासुर भय से कांप उठा था. माता के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं. इनकी उपासना से समस्त सांसारिक कष्टों से छुटकारा मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं आज के दिन बनने वाले शुभ मुहुर्त और मां की पूजा विधि के बारे में.

शारदीय नवरात्रि 2023 तीसरे दिन का शुभ मुहूर्त

बात करें शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन के शूभ मुहूर्त और काल की तो इस दिन राहुकाल- दोपहर के 12 बजकर 12 मिनट से दोपहर के ही 01 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन यमगण्ड सुबह के 07 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह के ही 09 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. आडल योग- सुबह के 06:12 से 06:14 तो गुलिगु क काल सुबह के 10:42 से 12:12 तक वहीं दुर्मुहूर्त 11:48 से लेकर 12:35 तक रहेगा. नवरात्रि के तीसरे दिन रवि योग भी बन रहा है. शुभ संयोगों में गिने जाने वाला रवि योग की ज्योतिष शास्त्र में काफी अधिक मान्यता है.

मां चंद्रघंटा की इस विधि से करें पूजा

मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय लाल और नारंगी रंग के कपड़े पहनें. माता चंद्रघंटा को लाल चंदन, लाल चुनरी, लाल रंग के फूल चढाएं. इसके अलावा मां चंद्रघंटा को चमेली का फूल अर्पित करें. मां को दूध से बनी हुई मिठाई और लाल फल का भोग लगाएं. पूरे विधि विधान से मां की पूजा करने के बाद मां की आरती करें और हो सके तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें. मां की पूजा करने से साहस और विनम्रता में वृद्धि होती है. इसके अलावा कानूनी मामलों में भी सफलता मिलती है.

मां चंद्रघंटा की कथा

बहुत समय पहले जब धरती पर असुरों का आतंक बढ़ गया था तब उन्हें सबक सिखाने के लिए मां दुर्गा ने अपने तीसरे स्वरूप में अवतार लिया था. देवी चंद्रघंटा एक अद्भुत शक्ति का रूप हैं परमात्मस्वरूपा देवी चंद्रघंटा के प्रसन्न होने पर जगत का अभ्युदय होता है, जगत का समस्त क्षेत्र हरा भरा, पावन हो जाता है, परंतु देवी चंद्रघंटा के क्रोध में आ जाने पर तत्काल ही असंख्य कुलों का सर्वनाश हो जाता है. ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार महिषासुर के राक्षस कुल का अंत देवी चंद्रघंटा ने क्षण भर में कर डाला. इस बात का अनुभव मात्र ज्ञानी जन ही कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: Navratri 2023: नवरात्रि पर ये उपाय कर डाला तो सफलता चूमेगी आपके कदम

तेज़ तथा शक्तिस्वरूपा देवी चन्द्रघण्टा ने जैसे ही राक्षस समूहों का संहार करने के लिए धनुष को आकाश की ओर किया, वैसे ही देवी के वाहन सिंह ने भी दहाड़ना शुरू कर दिया और माता पुनः घण्टे के शब्द से उस ध्वनि को और बढ़ा दिया. इस धनुष की टंकार, सिंह की दहाड़ एवं देवी चंद्रघंटा का असुरों को नष्ट करने का साहस बढ़ता गया तथा महिषासुर का समस्त दानव कुल छीन भिन्न होकर मर गया.

Rohit Rai

Recent Posts

वृषभ राशि में 5 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, 6 जून से शुरू हो जाएंगे इन राशियों के अच्छे दिन, लगेगी चौतरफा लॉटरी!

Rajyog in Taurus: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जून में वृषभ राशि में पांच ग्रह एक…

15 mins ago

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए कपिल सिब्बल, मिले इतने वोट

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के…

9 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने JMI को जारी किया नोटिस, जमीन विवाद पर डिटेल में मांगा स्पष्टीकरण

विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार रहे नाज़िम हुसैन अल जाफ़री ने आरोप लगाया है कि उसके एनओसी…

10 hours ago

निशानेबाज मानिनी कौशिक की याचिका खारिज, पेरिस ओलंपिक ट्रायल में शामिल न करने पर पहुंची थीं हाईकोर्ट

निशानेबाज मानिनी कौशिक की आगामी पेरिस ओलंपिक में 50 मीटर महिला श्रेणी में चयन के…

11 hours ago