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MS Dhoni की याचिका पर IPS अधिकारी को 15 दिन की जेल, मद्रास HC ने सुनाया फैसला, जानें पूरा मामला

स्पोर्ट्स डेस्क: मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार 15 दिसंबर को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की ओर से दायर की गई अर्जी पर आईपीएस अफसर संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई है. बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक, जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की पीठ ने आईपीएस संपत कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है.

आईपीएस को कोर्ट ने सुनाई 15 दिन की सजा

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कथित दुर्भावनापूर्ण बयानों और समाचार रिपोर्ट्स पर एक मीडिया चैनल, आईपीएस संपत कुमार और अन्य के खिलाफ हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह 2013 में आईपीएल के मैचों की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे.

धोनी ने की थी हाई कोर्ट से मांग

इंडियन प्रीमियर लीग की चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) फ्रेंचाइजी के कप्तान एमएस धोनी ने हाई कोर्ट से आईपीएस संपत कुमार समेत प्रतिवादियों को इस मुद्दे से संबंधित उनके खिलाफ अपमानजनक बयान जारी करने या प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने की मांग की थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने अंतरिम निषेधाज्ञा देते हुए मीडिया चैनल, आईपीएस संपत कुमार और अन्य को एमएस धोनी के खिलाफ मानहानि वाले बयान देने से रोक दिया था.

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के खिलाफ IPS ने की टिप्पणी- धोनी

इसके बाद मीडिया चैनल और अन्य ने मानहानि के खिलाफ मुकदमे के जवाब में अपने लिखित बयान दायर किए. इसके बाद धोनी ने एक अर्जी दायर कर दावा किया कि संपत कुमार ने अपनी लिखित दलीलों में अपमानजनक बयान दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट से आईपीएस संपत कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही करने की मांग की थी. महेंद्र सिंह धोनी की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट पीआर रमन पेश हुए. बता दें कि आईपीएल सट्टेबाजी घोटाने की जांच आईपीएस संपत कुमार ने ही शुरुआत में की थी.

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लाइव लॉ के खबर के मुताबिक, महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अर्जी में आईपीएस अधिकारी पर सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी हरकत न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को डगमगाने वाली है. इस तरह से यह आपराधिक अवमानना है. बता दें कि आईपीएस संपत कुमार ने कथित तौर पर कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस मुद्गल समिति (2013 में बनी आईपीएल मैच फिक्सिंग स्वतंत्र जांच कमेटी )की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को बंद कवर में रखने का फैसला किया और विशेष जांच दल को इसे नहीं दिया.

-भारत एक्सप्रेस

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