पेरिस में बुधवार देर रात पैरालंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह हुआ और इसी के साथ खेल इतिहास में एक रोमांचक अध्याय की शुरुआत हुई. इस बार विश्व के तमाम पैरा-एथलीट 22 खेलों के कुल 549 स्पर्धाओं में पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हुए नजर आएंगे.
भारत के लिए उद्घाटन समारोह में पैरा-एथलीट सुमित अंतिल और भाग्यश्री जाधव ने भारतीय दल का नेतृत्व किया, जो 12 विभिन्न खेलों में 84 एथलीटों के साथ देश के पैरालंपिक इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा दल है. टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित को ध्वजवाहक होने का सम्मान मिला, जिनसे देश को एक बार फिर शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है. उनके साथ भाग्यश्री भी थीं, जिन्होंने चीन में एशियाई पैरा खेलों में शॉटपुट में रजत पदक जीता था.
भारतीय पैरालंपिक समिति (PCI) ने पेरिस में पैरालंपिक खेलों में भाग लेने के लिए अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है, जिसमें अलग-अलग खेलों के 84 एथलीट शामिल हैं, जो देश के बढ़ते पैरा-स्पोर्ट्स इकोसिस्टम का प्रमाण है. उम्मीद है कि वह टोक्यो में आयोजित पिछले संस्करण में देश के अब तक के सर्वश्रेष्ठ 19 पदकों को पीछे छोड़ देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों से पेरिस में बुधवार से शुरू हुए 2024 पैरालंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 84 सदस्यीय दल को शुभकामनाएं और समर्थन देने का आह्वान किया है.
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “140 करोड़ भारतीय पेरिस पैरालंपिक 2024 में हमारे दल को शुभकामनाएं देते हैं. “हर एथलीट का साहस और दृढ़ संकल्प पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है. हर कोई उनकी सफलता के लिए उत्साहित है. चीयर फॉर भारत.”
कुछ दिन पहले एथलीटों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि पैरालंपिक खेलों में भारत के पदकों की संख्या 2012 लंदन खेलों के बाद से कई गुना बढ़ गई है, जब देश ने केवल एक पदक (एच.एन. गिरीशा द्वारा पुरुषों की ऊंची कूद में रजत) जीता था.
प्रधानमंत्री ने कहा था, “हमने 2016 में दो स्वर्ण पदकों सहित चार पदक जीते थे और टोक्यो में भारत ने 19 पदक जीते – पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक – जो पैरालंपिक में हमारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी पेरिस में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और ढेर सारे पदक जीतेंगे.”
बता दें कि इस मेगा इवेंट के लिए भारतीय दल गुरुवार को पेरिस में अपने ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत करेगा, जिसमें बैडमिंटन, तीरंदाजी और टेबल टेनिस में मुकाबले शुरू होंगे. भारत के तीरंदाज, शटलर और पैडलर प्रतियोगिता के पहले दिन ही प्रारंभिक दौर से गुजरते हुए मैदान में उतरेंगे.
पेरिस 2024 पैरालंपिक में भारत की भागीदारी में न केवल खिलाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि पदक की उम्मीदें भी बढ़ी हैं. देश का लक्ष्य टोक्यो में अपनी पिछली उपलब्धियों को पार करना है, जहां उन्होंने 19 पदक जीते थे. ओलंपिक में आमतौर पर अमेरिका और चीन के बीच पहले स्थान के लिए होड़ रहती है लेकिन पैरालंपिक में ऐसा नहीं है. पिछले कई संस्करणों से यहां चीन का दबदबा है लेकिन इस बार उम्मीदें भारत से भी बहुत अधिक हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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