खेल

Vijay Hazare Trophy Final: फाइनल में भी चला कप्तान का जादू, सौराष्ट्र के सामने 249 रनों का लक्ष्य

Saurashtra vs Maharashtra: विजय हजारे ट्रॉफी में महाराष्ट्र का शानदार प्रदर्शन जारी है. इस टीम की सबसे बड़ी ताकत यानी कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) ने एक बार फिर तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की और अपनी टीम के लिए एक बड़ा स्कोर खड़ा किया. महाराष्ट्र अगर आज फाइनल खेल रही है तो इसमें सबसे बड़ा रोल गायकवाड़ का है. सौराष्ट्र के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए महाराष्ट्र ने 9 विकेट पर 248 रनों का टारगेट सेट किया. महाराष्ट्र के लिए कप्तान ने 108 रनों की अहम पारी खेली. सौराष्ट्र ने पावरप्ले और डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी की. गेंदबाज चिराग जानी ने 49वें ओवर में हैट्रिक लेकर महाराष्ट्र को 250 रन पर रोक दिया.

महाराष्ट्र ने 249 रनों का दिया लक्ष्य

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए महाराष्ट्र ने कप्तान की शतकीय पारी के बदौलत 9 विकेट पर 248 रनों का स्कोर खड़ा किया है. महाराष्ट्र के लिए रुतुराज गायकवाड़ ने 108 रनों की शानदार पारी खेली. जबकि अजीम काजी ने 37 रनों की ताबतोड़ बल्लेबाजी की.

क्या गायकवाड़ महाराष्ट्र को बनाएंगे चैंपियन?

महाराष्ट्र ने कभी भी विजय हजारे ट्रॉफी नहीं जीती है. दरअसल, यह पहली बार है जब महाराष्ट्र फाइनल में खेल रहा है. सौराष्ट्र ने 2007/08 में टूर्नामेंट जीता था. यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र फाइनल में 249 रनों के लक्ष्य का बचाव कर पाता है या नहीं. वहीं पूरे टूर्नामेंट में फैंस का ध्यान गायकवाड़ पर रहा. इस बल्लेबाज ने अपनी पिछली तीन पारियों में लगाता तीन अंकों को छुआ है. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में उत्तर प्रदेश के खिलाफ दोहरा शतक लगाया, इसके बाद सेमीफाइनल में असम के खिलाफ शतक और फाइनल में सौराष्ट्र के खिलाफ शतक लगाया. ये कहाना गलत नहीं होगा कि महाराष्ट्र  की टीम अपनी कप्तान के बदौलत यहां तक पहुंची है.

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सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने इस मैच में कसी हुई गेंदबाजी की और महाराष्ट्र के बल्लेबाजों को आसानी से रन नहीं बनाने दिए. इस दौरान एक पल ऐसा लगा कि महाराष्ट्र को रन बनाना काफी मुश्किल होगा लेकिन ऋतुराज ने पारी को एक छोर पर संभाला और महाराष्ट्र को एक डिफेंडिंग टोटल तक पहुंचाया.

पहले गायकवाड़ ने क्रीज पर अपना पैर जमाया और अपना अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद गियर बदल दिया. अपना अर्धशतक पूरा करने में इस बल्लेबाज को 96 गेंदें लगीं, लेकिन उन्हें अपना शतक पूरा करने के लिए केवल 29 और गेंदों की जरूरत पड़ी. गायकवाड़ की एक कप्तान पारी ने उनकी टीम को 50 ओवरों में 248 के स्कोर तक पहुंचाया.

-भारत एक्सप्रेस

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