WFI Controversy: ओलंपियन पहलवान विनेश फोगट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और कोचों के खिलाफ यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले को लेकर पहलवानों का जंतर-मंतर पर दूसरे दिन भी धरना जारी है. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य रेसलर गुरुवार को भी जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे. वहीं इन आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. अगर आरोप साबित हुए तो वे फांसी लगा लेंगे.
गंभीर आरोप लगाने के बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ से अगले 72 घंटों के भीतर जवाब तलब किया है. एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़ीं. ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित 30 से अधिक पहलवानों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया.
विनेश फोगाट ने कहा, “फेडरेशन की ओर से खिलाड़ियों का शोषण किया गया. किसी भी खिलाड़ी को कुछ होता है तो उसकी ज़िम्मेदार कुश्ती संघ के अध्यक्ष व फेडरेशन होगी.” उन्होंने कहा, “चोटों की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता. वह पहलवानों को नेशनल से बैन करने की बात करते हैं. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने मुझे ‘खोटा सिक्का’ (बेकार) कहा. मैं आत्महत्या करना चाहती थी. मैंने आज खुले तौर पर कहा है, मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं. हमने कई बार कैंप को लखनऊ से दूर ले जाने का अनुरोध किया. ऐसा सिर्फ वहीं क्यों होता है? क्योंकि उसके लिए महिला पहलवानों को शिकार बनाना आसान होता है.”
पहलवानों के विरोध के कुछ घंटे बाद खेल मंत्रालय ने एक बयान में स्पष्ट किया कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले तीन दिनों के भीतर जवाब नहीं देता है, तो वह राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के संदर्भ में महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए आगे बढ़ेगा. खेल मंत्रालय ने बयान में कहा कि आज दिल्ली में ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा किए गए विरोध और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का संज्ञान लेते हुए, जिसमें पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और कोचों द्वारा महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं, मंत्रालय ने महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन को लेकर डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.
डब्ल्यूएफआई को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि यह मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा है, इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. मंत्रालय ने आगे कहा है कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब दाखिल करने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा. विरोध के बीच मंत्रालय ने महिला पहलवानों के लिए आगामी कुश्ती शिविर भी रद्द कर दिया है.
वहीं कोच प्रदीप दहिया का कहना है कि इतने बड़े खिलाड़ी अगर बोल रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी. इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी को सज़ा भी मिलनी चाहिए. विनेश एक बड़ी महिला खिलाड़ी हैं और अगर वो आरोप लगा रही हैं तो इसका मतलब है उनके साथ कुछ तो हुआ होगा. भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना-प्रदर्शन पर कोच सुरेंदर ने कहा, “इतने बड़े-बड़े खिलाड़ी उतरकर आए हैं, एक खिलाड़ी गलत हो सकता है इतने खिलाड़ी गलत नहीं हो सकते. जितना अत्याचार अब सुना है उतना कभी नहीं सुना.”
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