भारत सरकार के अधीन काम करने वाली कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने एप्पल के आईट्यून्स (iTunes) और गूगल क्रोम (Google Chrome) डेस्कटॉप एप्लीकेशन को लेकर चेतावनी जारी की है. इनकी वजह से साइबर हैकर्स आपके डिवाइस पर अटैक करके उसका कंट्रोल अपने हाथ में ले सकते हैं.
CERT ने बताया है कि Apple iTune के जरिये ये खतरा ‘CoreMedia’ नामक घटक के कारण हो सकता है. हैकर्स द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया अनुरोध भेजकर इस ‘CoreMedia’ का फायदा उठाया जा सकता है. इसके बाद यह वर्जन 12.13.2 से पहले विंडोज़ पर आपके एप्पल आईट्यून्स को प्रभावित कर सकता है.
इसके अलावा CERT ने Google Chrome में भी कई गड़बड़ियां पाई हैं, जिनका उपयोग संभावित हैकर किसी सिस्टम का एक्सेस पाने के लिए कर सकता है. Chrome में गड़बड़ियां विजुअल्स और एंगल घटकों में एक बग (Bug) के कारण मौजूद हैं, जिसे यूज-आफ्टर-फ्री’ कहा जाता है और इसका उपयोग हैकर द्वारा ‘Heap Corruption’ (सिस्टम की मेमोरी से जुड़ी गड़बड़ी) पैदा करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए HTML पेज को निष्पादित (Execute) करने के लिए किया जा सकता है.
CERT की ओर से कहा गया है कि यूजर को सलाह दी जाती है कि वे इन गड़बड़ियों को तुरंत ठीक कर लें.
CERT का कहना है कि आईट्यून्स के नवीनतम संस्करण को अपडेट करने से संभावित खतरे को कम करने में मदद मिलेगी. Windows पर अपने आईट्यून्स एप्लीकेशन को अपडेट करने के लिए यूजर हेल्प सेक्शन पर जा सकते हैं और अपडेट के लिए चेक पर क्लिक कर सकते हैं.
Windows, Mac और Linux पर Google Chrome यूजर्स को संभावित गड़बड़ियों को कम करने के लिए नए वर्जन में अपडेट करने की सलाह दी गई है. इसके लिए यूजर ‘Help’ विकल्प पर जा सकते हैं और ‘Google Chrome के बारे में’ सेक्शन पर क्लिक कर सकते हैं, जो ऑटोमैटिक एक नए वर्जन तक उन्हें पहुंचा देगा.
-भारत एक्सप्रेस
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