Reliance Jio और GSMA ने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल कौशल कार्यक्रम (Digital Skills Program) की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और सीमांत व निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को डिजिटल पहुंच का सार्थक उपयोग करने में मदद करने के लिए आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना है.
GSMA की ‘मोबाइल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं द्वारा मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करने की संभावना 41 प्रतिशत कम है. 248 मिलियन पुरुषों की तुलना में भारत में कुल 330 मिलियन महिलाएं अभी भी मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करती हैं. साक्षरता और डिजिटल कौशल की कमी मोबाइल इंटरनेट के इस्तेमाल में आने वाली सबसे बड़ी बाधाएं हैं.
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, GSMA और जियो की टीमों ने डिजिटल कौशल की कमी का आकलन करने और आवश्यकता-आधारित डिजिटल कौशल ट्रेनिंग टूलकिट विकसित करने के लिए एक साथ काम किया है. ट्रायल फेज के दौरान यूपी और तमिलनाडु के 1,000 से अधिक ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया और डिजिटल ट्रेनिंग टूलकिट के शोधन के लिए इनपुट प्रदान किया.
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रिलायंस जियो की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा कि मोबाइल तकनीक में महिलाओं को सशक्त बनाने की ताकत है, जिससे वे अधिक कनेक्टेड, स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस कर सकें. उन्होंने कहा कि देश भर में महिलाओं को डिजिटल स्किल ट्रेनिंग देने के लिए इस कार्यक्रम में GSMA के साथ साझेदारी करने पर हमें गर्व है. अगले कुछ महीनों में रिलायंस जियो और रिलायंस फाउंडेशन दोनों ही इस कार्यक्रम को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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