कोलकाता से चलकर देश का पहला हाइड्रोजन जलयान काशी पहुंच गया है. कोच्चि शिपयार्ड से समुद्रमार्ग से होते हुए गंगा नदी के रास्ते शिप रामनगर पहुंचा. वाराणसी पहुंचने पर शिप को नमो घाट पर रोका गया, जहां से पर्यटन विभाग की निगरानी में जलयान ने रामनगर मल्टी-मॉडल टर्मिनल राल्हूपुर में लंगर डाला.
डबल डेकर केटामेरान पर्यटक जलयान जून के अंतिम सप्ताह में कोलकाता से चला था. रास्ते में कम पानी होने की वजह से उसे वाराणसी पहुंचने में काफी समस्या हुई. रास्ते में कई जगहों पर जलयान को रोकना पड़ा जिसके चलते जलयान को सफर पूरा करने में निर्धारित समय से ज्यादा टाइम लग गया.
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देश का पहला हाइड्रोजन जलयान बनारस पहुंच गया, अब इसे पर्यटन की निगरानी में वाराणसी से चुनार के बीच चलाया जाएगा. कोच्चि शिपयार्ड से समुद्री मार्ग के जरिए शिप कोलकाता पहुंचा था. कोलकाता से गंगा नदी के रास्ते नवनिर्मित हाइड्रोजन फ्यूल चलित डबल डेकर केटा मेरान पर्यटक जलयान वाराणसी पहुंचा. जलयान को लाने के लिए सर्वेयर जलयान स्कॉर्ट कर रहा था.
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार शुरुआत के छह महीने का परीक्षण कोच्चि शिपयार्ड ही करेगा, वही अपने स्तर से हाईड्रोजन गैस की व्यवस्था करेगा. ट्रायल पूरा होने के बाद जलयान को पर्यटन विभाग अपनी निगरानी में संचालित करेगा. इसे वाराणसी से चुनार तक चलाने की योजना है. इस केटामेरान में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसके परीक्षण का काम जल्द शुरू होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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