उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2024 के पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा (UPPSC PCS Exam) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अब यह परीक्षा एक ही दिन, यानि 22 दिसंबर 2024 को आयोजित की जाएगी. आयोग ने इस परीक्षा को पहले दो दिनों में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन छात्र-छात्राओं के विरोध और प्रयागराज में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद इस निर्णय को बदला गया है. हालांकि, छात्रों का प्रदर्शन अब भी जारी है.
आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पहले पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब इसे एक ही दिन 22 दिसंबर को दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा. पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक होगा और दूसरा सत्र दोपहर 2:30 बजे से 4:30 बजे तक होगी.
आयोग द्वारा यह फैसला सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रतियोगी छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए की गई पहल के बाद लिया गया है
आयोग ने आरओ (रेवेन्यू ऑफिसर) और एआरओ (असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर) परीक्षा की प्रक्रिया को लेकर भी एक समिति गठित की है. यह समिति परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए काम करेगी, जिससे परीक्षा में पारदर्शिता और छात्रों को बेहतर अनुभव मिल सके. हालांकि आयोग ने आरओ-एआरओ (RO-ARO) परीक्षा को स्थगित कर दिया है.
वहीं प्रयागराज (Prayagraj) में आयोग कार्यालय के बाहर छात्र पांचवे दिन भी धरने में डटे हुए हैं. आरओ-एआरओ परीक्षा एक दिन में कराए जाने की मांग की जा रही है. छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है की परीक्षा रद्द करने और समिति बनाने से काम नहीं चलेगा, आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा. आंदोलित छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर आयोग प्रतियोगी छात्रों को बरगला नहीं सकता है.
दोनों परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था. आयोग ने एक ही परीक्षा की मांग मानी है, जबकि आरओ एआरओ परीक्षा को एक दिन में कराने के लिए कोई फैसला नहीं किया है.
शुक्रवार को आंदोलन पर बैठे प्रतियोगी छात्रों ने कहा कि स्थगन से वे संतुष्ट नहीं हैं. आयोग को एक दिवस एक पाली में परीक्षा का निर्णय लेना होगा, इसके बाद ही वह आंदोलन स्थल से हटेंगे. शुक्रवार को भी आंदोलन जारी है, लेकिन भीड़ काफी कम है. स्थिति यह है कि सड़क की एक लेन पर वाहनों का आवागमन भी चालू करा दिया गया है.
प्रतियोगी छात्र विमल का कहना है कि जो छात्र आरओ-एआरओ की परीक्षा देता है वह पीसीएस भी देता है. ऐसे में यदि एक परीक्षा को एक दिवसीय किया गया तो दूसरी परीक्षा दो दिवसीय होने से उनको नॉर्मलाइजेशन के कारण असमान मूल्यांकन झेलना होगा. ऐसे में दोनों परीक्षाओं में वन डे-वन शिफ्ट लागू होना चाहिए.
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक दिन में कराने की घोषणा की जाए, तभी उनका आंदोलन पूरी तरह से खत्म होगा. छात्रों की मांग यह है कि जिस तरह से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की घोषणा की गई है, उसी तरह आरओ-एआरओ परीक्षा भी वन डे वन शिफ्ट में कराने का लिखित आश्वासन दिया जाए. तभी वह धरना खत्म करेंगे.
(समाचार एजेंसी IANS से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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