गाजियाबाद पुलिस में फ्रॉड और चोरी करने वाले राजू को गिरफ्तार कर लिया है. वह अपने अपहरण की कहानी सुनाकर व कई परिवारों का खोया बेटा बनकर उनके घर चोरी कर चुका है. 24 नवंबर को ये गाजियाबाद के खोड़ा थाने पहुंचा था और फिर उसने अपनी बनाई झूठी कहानी सुनाई थी. इसके बाद एक परिवार ने इसे अपना बेटा बताया और अपने घर ले गए. मीडिया में खबरें आने के बाद कई और जगहों से भी पुलिस को ये शिकायत मिलने लगी थी कि वह कई अन्य परिवारों को भी धोखा दे चुका है. ये उन्हीं परिवारों को निशाना बनाता था, जिनका बेटा काफी साल पहले घर से गायब हो चुका होता था.
इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया है कि 24 नवंबर 2024 को एक व्यक्ति खोड़ा थाने में आता है और बताता है कि उसका अपहरण 30 साल पहले कर लिया गया था, जब वह 8 साल का था. इसके बाद उसको राजस्थान के जैसलमेर में जाकर एक परिवार को दे दिया गया था, वहां वह उनकी भेड़ बकरियों को चराने का काम किया करता था. एक दिन वह वहां से बचकर ट्रक में बैठकर दिल्ली आ जाता है और गाजियाबाद पहुंच जाता है व पुलिस को अपनी बात बताता है. पुलिस ने अखबार में इश्तेहार निकाला और गुमशुदा हुए बच्चों के परिवार वालों का थाने में आने का सिलसिला शुरू हो गया. इसी दौरान एक परिवार इसे अपने बेटा मानकर अपने साथ ले गया.
पुलिस ने बताया कि कुछ दिनों बाद परिवार द्वारा शिकायत की गई कि उसकी हरकतें ठीक नहीं लग रही हैं और उसके हाव भाव में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. पुलिस राजू को उठाकर ले आई और उससे पूछताछ की.
इसके अलावा जैसे ही राजू के 30 साल बाद घर पहुंचने की खबर अखबार और टीवी चैनल में चली, तो देहरादून के एक परिवार ने भी पुलिस से संपर्क किया और उन्होंने राजू को अपना बेटा बताया. देहरादून के परिवार ने कहा कि राजू उनके साथ तीन महीने तक देहरादून में रहा है. पुलिस को जब शक हुआ, तो उन्होंने उससे कड़ाई से पूछताछ की.
पुलिस पूछताछ में जो कहानी सामने आई, उसने सबको हैरत में डाल दिया. गिरफ्तार आरोपी इंद्रराज राजस्थान का रहने वाला है. वह बचपन से ही चोरी करने लगा था और अपने रिश्तेदारों व जान पहचान के लोगों के घरों में चोरी किया करता था. इस वजह से इंद्रराज के परिवार वालों ने उससे तंग आकर 2005 में उसको बेदखल कर दिया.
पुलिस ने बताया कि इसके बाद इंद्रराज अपने एक रिश्तेदार के घर जाकर रहना शुरू किया और कुछ ही दिनों में घर में रखे पैसे और जेवर लेकर भाग गया. इसको लेकर हनुमानगढ़, राजस्थान में 2021 में केस भी दर्ज किया गया था. उसे पकड़कर जेल भी भेजा गया था. पुलिस ने बताया कि इसके बाद इसने इसी साल जुलाई में अपनी पहचान छुपाकर देहरादून में बुजुर्ग आशा शर्मा जोगी के घर पहुंच गया. वहां ये उनका बेटा मोनू शर्मा बनकर चार महीने तक रहा. फिर वहां से दिल्ली में काम करने के लिए जाने की बात कह कर वहां से चला गया था.
पुलिस ने बताया कि ये 2023 में भी अपनी पहचान छुपा कर राजस्थान के सीकर में भी एक परिवार के साथ दो महीने तक रहा था और वहां से भी बिना बताए चला गया था. इस तरीके की इसने कई घटनाएं कबूल की हैं. पुलिस के मुताबिक इंद्रराज ने पंजाब, जैसलमेर, हिसार, सिरसा के साथ कई अन्य जगहों पर भी ऐसी घटनाएं की हैं. पुलिस अब कई टीम गठित कर अन्य राज्यों में भी भेज रही है, ताकि इसके पुराने आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा सके.
इस दौरान आरोपी इंद्रराज ने बताया कि उसकी मां के बचपन में ही गुजर गई थी और सौतेली मां ने उसको मारना पीटना शुरू कर दिया था. इसके बाद इसने चोरी करनी शुरू कर दी थी. फिलहाल अब वो पुलिस की गिरफ्त में है.
-भारत एक्सप्रेस
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