उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ अभ्यर्थी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को छात्र मुख्यालय के बाहर जुटे. वहीं, सुरक्षा के लिहाज से पुलिस टीम के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई है. यूपीपीएससी के खिलाफ प्रतियोगी अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार दूसरे दिन भी जारी है. सोमवार रात को भी आयोग मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र जुटे तो मंगलवार सुबह भी स्थिति ऐसी ही थी. महिला अभ्यर्थी भी प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं.
इसी बीच, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ने आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर लिखा, कि यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है. सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.
प्रदर्शनकारी प्रतियोगी छात्र ने बताया जो भी प्रतियोगी छात्र हैं, वो सामान्य और गरीब परिवार से आते हैं. उनके ऊपर सिर्फ उनकी ही नहीं बल्कि परिवार की भी जिम्मेदारी है. तंज कसते हुए सवाल किया कि तानाशाह अधिकारी कैसे यह तय करेंगे कि छात्रों का भविष्य कैसे व्यवस्थित होगा?
एक और प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी ने कहा, छात्र जागरूक और समझदार हैं, उनको अपने हक की लड़ाई लड़नी बखूबी आती है. रातभर से छात्र बिना कुछ खाए प्रदर्शन कर रहे हैं. हम नॉर्मलाइजेशन का पुरजोर विरोध करते हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नवीन पाल ने बताया ऐसा परिवर्तन पहले कभी नहीं किया गया, फिर क्यों कमीशन ऐसा परिवर्तन कर रहा है. इससे पहले भी विसंगतियां आई हैं, लंबे समय तक प्रक्रिया चली, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. परीक्षा को दो चरणों में कराना और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला तर्कसंगत नहीं है.
इससे पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने परीक्षाओं की शुचिता और अभ्यर्थियों की सुविधा को अपनी प्राथमिकता बताया था. परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों के एक वर्ग द्वारा जताए जा रहे असंतोष पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा था कि आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आई हैं, जिससे योग्य छात्रों का भविष्य अनिश्चित बन जाता है. इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है.
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (RO) सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा दो दिन कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार को लोक सेवा आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया जो दूसरे दिन भी जारी है.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
–भारत एक्सप्रेस
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