अमेरिका में मिनेसोटा राज्य की एक जूरी ने शुक्रवार (23 नवंबर) को 29 वर्षीय हर्षकुमार रमनलाल पटेल (Harshkumar Ramanlal Patel) और 50 वर्षीय स्टीव शैंड (Steve Shand) को एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया, जिसके चलते 2022 के बर्फीले तूफान के दौरान अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने का प्रयास करते समय भारतीय प्रवासियों के एक परिवार की ठंड से मौत हो गई.
भारतीय नागरिक पटेल, जिसे “डर्टी हैरी” नाम से भी जाना जाता है और फ्लोरिडा निवासी शैंड को चार मामलों में दोषी पाया गया, जिसमें अवैध रूप से अमेरिका में प्रवासियों की तस्करी करने की साजिश भी शामिल है. अभियोजकों ने इस ऑपरेशन को भारत से अवैध प्रवासियों का अमेरिका में घुसने की यात्रा को आसान बनाने वाले नेटवर्क का हिस्सा बताया.
मिनेसोटा के अमेरिकी अटॉर्नी एंडी लुगर ने ऑपरेशन की निंदा करते हुए कहा, “इस मुकदमे ने मानव तस्करी की अकल्पनीय क्रूरता को उजागर किया, जहां मानवता से अधिक लाभ को महत्व दिया जाता है. इस लालच के कारण एक पिता, माता और दो बच्चों ने शून्य से नीचे के तापमान में अपनी जान गंवा दी.”
39 वर्षीय मृतक जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशालीबेन, जो 30 की उम्र पार कर चुकी थीं, उनकी 11 वर्षीय बेटी विहांगी और तीन वर्षीय बेटा धार्मिक, 19 जनवरी, 2022 को कनाडाई अधिकारियों द्वारा मैनिटोबा प्रांत के इमर्सन शहर के पास मृत पाए गए थे. मूल रूप से गुजरात के गांधीनगर जिले के डिंगुचा गांव के रहने वाले इस परिवार ने कथित तौर पर तस्करों को अमेरिका में अपने अवैध प्रवेश के लिए पैसे दिए थे. वे भारत से आए उन 11 प्रवासियों के समूह का हिस्सा थे, जिनके बास डॉक्यूमेंट्स नहीं थे.
संघीय अभियोजकों ने कहा कि पटेल ने तस्करी अभियान को कोऑर्डिनेट किया, जबकि शैंड ने ड्राइवर के रूप में काम किया. शैंड को मिनेसोटा सीमा से 11 भारतीय प्रवासियों को लाने का काम सौंपा गया था, लेकिन केवल उनमें से केवल सात ही इस यात्रा से बच पाए.
मिनेसोटा अदालत में अभियोजन पक्ष की अभियोग रिपोर्ट में कहा गया है कि पटेल और शैंड एक “संगठित, जटिल अंतरराष्ट्रीय अभियान” का हिस्सा थे, जिसने खतरनाक साधनों का उपयोग करके भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद की.
अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष यह भी तर्क दिया कि अभियुक्त ने जानते हुए भी विदेशियों के लिए अमेरिका के भीतर गाड़ियों और आने जाने की सुविधा प्रदान की, जो बेहतर जीवन और पैसा कमाने के लिए अवैध रूप से देश में प्रवेश कर गए थे.
एक अदालत अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पटेल और शैंड दोनों का प्रतिनिधित्व अलग-अलग वकीलों ने किया. जबकि शैंड के वकीलों ने तर्क दिया था कि पटेल ने उन्हें इस ऑपरेशन के लिए बहकाया था. उन्हें तस्करी के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता था. पटेल के वकील ने अदालत को बताया कि यह गलत पहचान का मामला है क्योंकि उनका मुवक्किल वह ‘डर्टी हैरी’ नहीं है जिसकी तलाश की जा रही थी.
हालांकि, अभियोजकों ने दोनों लोगों को इस तस्करी ऑपरेशन से जोड़ने वाले सबूत पेश किए. पटेल का उपनाम, ‘डर्टी हैरी’, शैंड के फोन में था और कोर्ट में दी गई गवाही ने इसकी पुष्टि की.
दोषी ठहराए गए दोनों लोगों को सबसे गंभीर आरोपों के लिए 20 साल तक की जेल की सजा हो सकती है, जिसके बाद और भी सजा सुनाई जाएगी. मृतक परिवार की तस्वीरों के साथ और भी सबूतों को देखने के बाद जूरी सदस्यों ने उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हालात को “क्रूर” बताया.
-भारत एक्सप्रेस
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