Taxpayers India Statistics: दुनियाभर में कई देश ऐसे हैं, जहां करदाताओं के बीच बड़ी असमानता है. भारत भी ऐसे देशों में शामिल है. आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा देश होने के साथ साथ भारत में लोगों की आय में बड़ा फर्क है. यहां 94 करोड़ से अधिक भारतीय मतदान करने के पात्र हैं, बावजूद इसके केवल 2.2% लोग ही टैक्सपेयर्स हैं.
2021-22 में जारी किए गए सरकारी आंकड़े में देश के महज 20.9 मिलियन – लगभग 2 करोड़ लोग ही टैक्सपेयर्स थे. जबकि तब देश की आबादी 130 करोड़ से ज्यादा हो चुकी थी. अब जनसंख्या से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट्स में भारत की आबादी 142 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है, लेकिन आयकर का भुगतान करने वाले भारतीयों की संख्या बेहद कम है.
टैक्सपेयर्स के मामले में भारत की यदि विकसित देशों से तुलना की जाए तो आप आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे. भारत में जहां करदाता मतदान करने वाली आबादी का केवल 2.2% हिस्सा हैं, वहीं अमेरिका में 50% से अधिक मतदाता करदाता हैं. इसी प्रकार ब्रिटेन में 59.7%, जर्मनी में 61.3% और फ्रांस में 78.3% मतदाता करदाता हैं.
भारत में करदाताओं के बीच असमानता है – शीर्ष 3% लगभग 50% आयकर का भुगतान करते हैं. भारतीय करदाताओं को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है- एक ओर वे हैं, जिन्होंने 10 लाख रुपये तक का टैक्स चुकाया है और दूसरे वे हैं जिन्होंने 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है.
भारत में लगभग 97% करदाताओं ने वर्ष 2021-22 में 10 लाख रुपये तक का भुगतान किया, जो कुल भुगतान किए गए टैक्स का 52.4% है. दूसरी ओर, केवल लगभग 3% करदाताओं ने 10 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया. लेकिन इस छोटे समूह ने कुल एकत्रित टैक्स में 47.6% का योगदान दिया.
— भारत एक्सप्रेस
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