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Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा क्या किया कि कोर्ट में करना पड़ा सरेंडर, जानें पूरा मामला

Donald Trump: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सरकार के खूफिया जानकारी को गलत तरीके से अपने पास रखने के मामले में मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. ट्रंप को बिना शर्त जमानत मिली है. अदालत में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि मैं दोषी नहीं हूं. मियामी शहर में संघीय अदालत के आसपास सुरक्षा कड़ी थी. अदालती कार्यवाही के एक घंटे से भी कम समय बाद ट्रंप को रिहा कर दिया गया. बता दें कि ये इतिहास में पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को अदालत में सरेंडर करना पड़ा हो.

हाल के महीनों में ट्रंप की दूसरी कोर्ट रूम यात्रा

बता दें कि हाल के महीनों में ट्रंप की यह दूसरी कोर्ट रूम यात्रा थी. इससे पहले अप्रैल में, न्यूयॉर्क में एक पोर्न स्टार को चुपके-चुपके पैसे देने का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश होना पड़ा. ट्रंप पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन पर संघीय अपराधों का आरोप लगाया गया है. ट्रंप ने अदालत में बार-बार अपनी बेगुनाही के बारे में बताया. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन पर निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

किस मामले में फंसे हैं ट्रंप?

 

गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने. जिसके चलते डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस छोड़ना पड़ा. आरोप है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति व्हाइट हाउस छोड़ने के दौरान अपने साथ कुछ खुफिया दस्तावेज भी ले गए. इसमें सीआईए और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी फाइलें शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल आर्काइव ने ट्रंप के व्हाइट हाउस में रहने के दौरान उनसे और उनकी टीम से राष्ट्रपति रिकॉर्ड से जुड़े दस्तावेज लौटाने की मांग की थी. हालांकि कई महीने बाद करीब 200 गोपनीय दस्तावेज लौटाए गए. एफबीआई ने अगस्त 2022 में ट्रंप के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें एफबीआई को 100 से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे.

यह भी पढ़ें: Uttrakhand: महापंचायत पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, कहा- कानून व्यवस्था राज्य सरकार का काम, जा सकते हैं हाईकोर्ट

ट्रंप के खिलाफ दर्ज हैं 37 मामले

जानकारी के मुताबिक, अब तक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ 37 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. इसमें से करीब 31 में खुफिया दस्तावेजों से जुड़े हैं. इतना ही नहीं ट्रंप पर जासूसी अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं. मेरिका में जासूसी अधिनियम तब लगता है जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई हो. प्रथम विश्व युद्ध के बाद बने इस अधिनियम के मामले सबसे ज्यादा ओबामा और ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों पर दर्ज किए गए हैं

ट्रंप के राजनीतिक करियर पर भी खतरा!

बता दें कि इतने सारे मामले का सामना कर रहे डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक करियर पर भी खतरा है. अमेरिकी इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को संघीय आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. 2024 के चुनाव के लिए ट्रंप को राष्ट्रपति जो बाइडेन का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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